आधार की तरह कंपनियों को भी मिल सकता है यूनिक नंबर, फिनटेक के विकास के लिए बनी समिति

नई दिल्ली । “आधार” की तरह कंपनियों को भी यूनिक पहचान नंबर मिल सकता है। वित्त मंत्रालय ने वित्तीय प्रौद्योगिकी यानी फिनटेक क्षेत्र पर विचार के लिए गठित समिति को इसकी संभावना तलाशने के लिए भी कहा है। मंत्रालय ने इस समिति को एमएसएमई को वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर विभिन्न एप्लीकेशन विकसित करने की दिशा में भी उपाय सुझाने को कहा है।

वित्त मंत्रालय ने वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) से जुड़े मुद्दों पर विचार करने के लिए सोमवार को आठ सदस्यीय समिति का गठन किया। वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग के सचिव की अध्यक्षता वाली यह समिति वित्तीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा देने के उपायों पर विचार करेगी। साथ ही वित्तीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को आसान बनाने के लिए उपाय भी सुझाएगी।

मंत्रालय के मुताबिक यह समिति यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआइडीएआइ) जैसी सरकारी एजेंसियों के साथ विचार विमर्श कर कंपनियों के लिए यूनिक पहचान संख्या बनाने की संभावनाओं पर भी विकास करेगी। साथ ही समिति जीएसटीएन और क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों के साथ चर्चा कर एमएसएमई के वित्त पोषण के लिए एप्लीकेशन विकसित करने के संबंध में भी उपाय सुझाएगी। इसके अलावा यह समिति वित्तीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सिंगापुर, ब्रिटेन और चीन जैसे देशों के साथ सहयोग की संभावनाएं भी तलाशेगी।

मंत्रालय ने यह कदम आम बजट 2018-19 में की गई घोषणा को अमल में लाने के लिए उठाया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल का बजट पेश करते हुए कहा था कि एमएसएमई को वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने में फिनटेक का प्रयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस समिति में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव, एमएसएमई मंत्रालय के सचिव और सीबीईसी के अध्यक्ष बतौर सदस्य शामिल हैं। इसके अलावा रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर तथा यूआइडीएआइ के सीईओ को भी इस समिति में सदस्य बनाया गया है। आर्थिक कार्य विभाग के संयुक्त सचिव (निवेश) इस समिति के समन्वयक होंगे। यह समिति निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की भी मदद ले सकती है।