प्रदेश का बजट पारित, विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित

अशासकीय संकल्पों पर नहीं हो सकी चर्चा अगले सत्र में आएंगे
भोपाल।
मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुक्र वार को अनिश्चित काल के लिए समाप्त हो गया। सत्र में वर्ष 2024-25 की अनुदान मांगों पर मतदान, विनियोग विधेयक के खंडों पर विचार के बाद उसे पारित कर दिया गया। इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा पेश किए गए 3 लाख 65 हजार करोड़ के बजट को आज विपक्षी सदस्यों के हंगामे और शोरशराबे के बीच पारित कर दिया गया। इसके साथ ही संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय के प्रस्ताव पर विधानसभा की कार्यवाही अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी।
विधानसभा में शुक्रवार को मध्यप्रदेश सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदीगृह विधेयक, मध्यप्रदेश मंत्री वेतन तथा भत्ता संशोधन विधेयक 2024, मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय स्थापना एवं संचालन संशोधन विधेयक 2024, मध्यप्रदेश गौवंश वध प्रतिषेध संशोधन विधेयक 2024, मध्यप्रदेश माल और सेवा कर द्वितीय संशोधन विधेयक 2024 और मध्यप्रदेश खुले नलकूप में इंसानो के गिरने से होंने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम एवं सुरक्षा विधेयक 2024 सदन में पेश किए गए और चर्चा के बाद इन्हें पारित किया गया। इसके बाद वर्ष 2024-25 की अनुदान मांगों पर लंबी चर्चा चली। इस चर्चा के बाद उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने विनियोग विधेयक का पुरस्थापन किया और इस विधेयक और इसके खंडों पर विचार के बाद विधेयक पारित कर दिया गया। विपक्षी सदस्य इस बीच शोर मचाते रहे और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने वर्ष 2024-2015 के आधिक्य व्यय के विवरण का उपस्थापन भी कर दिया। विपक्षी सदस्यों के हंगामे और शोरगुल के बीच ही चार सौ छत्तीस करोड़ बारह लाख छियत्तर हजार रुपए के आधिक्य व्यय और मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक को पारित कर दिया गया। इसके बाद डॉ सीतासरन शर्मा इटारसी से भोपाल के मध्य मेमो ट्रेन चलाने के लिए अशासकीय संकल्प लाने वाले थे और संजय पाठक खन्ना बंजारी स्टेशन का नाम बरही नगर करने और अभिलाष पांडेय अल्पसंख्यकों को धार्मिक या भाषायी आधार पर शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और प्रबंधन का अधिकार प्रदान किए जाने वाले अनुक्षेद को समाप्त करने के लिए केन्द्र शासन से अनुरोध के लिए के लिए अशासकीय संकल्प लाने वाले थे लेकिन हंगामे के कारण ये सदन में नहीं लाए जा सके अब इन्हें अगले सत्र में पेश किया जाएगा। इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रस्ताव रखा कि सरकार का बिजनेस पूरा हो चुका है इसलिए सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए समाप्त की जाए। संसदीय कार्यमंत्री के प्रस्ताव पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए समाप्त करने की घोषणा कर दी।