आखिर क्यों मिला महाकाल मंदिर की व्यवस्था को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
उज्जैन. सुप्रीम कोर्ट ने महाकाल मंदिर अधिनियम के पालन और मंदिर की व्यवस्था को लेकर सारिका गुरु की ओर से दायर विशेष याचिका को स्वीकार कर राज्य शासन के प्रमुख सचिव धर्मस्व, उज्जैन संभागायुक्त, कलेक्टर और महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक को नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं। वरिष्ठ अभिभाषक अशोक चितले ने बताया कि सारिका गुरु ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। सिंगल बैंच ने सुनवाई के बाद प्रशासन और मंदिर समिति को दिशा-निर्देश जारी किए थे। मंदिर समिति की ओर से इस मामले में हाईकोर्ट डबल बैंच में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट डबल बैंच ने विभिन्न पक्ष और तथ्यों के आधार पर सिंगल बैंच के दिशा-निर्देश, आदेश पर स्थगन प्रदान कर खारिज कर दिया था। याचिकाकर्ता सारिका गुरु की ओर से हाईकोर्ट डबल बैंच के निर्णय को लेकर सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर की। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने संबंधितों को नोटिस जारी किए हैं। इधर महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एसएस रावत ने बताया कि नोटिस के संबंध में फिलहाल कोई जानकारी/ सूचना नहीं है। नोटिस मिलने पर राज्य शासन और विधि-विशेषज्ञों से मार्गदर्शन लेकर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सभी तथ्य और पक्ष प्रस्तुत किए जाएंगे।
यह है प्रमुख बिंदु
1. दानपेटी से 35 फीसदी राशि पुजारी को देने पर आपत्ति।
2. अभिषेक पूजन की रसीद में से 75 फीसदी राशि पुजारी-पुरोहित को देने पर आपत्ति।
3. मंदिर एक्ट में पुजारी प्रतिनिधि नहीं होने का प्रावधान। बावजूद नियुक्त कर रखे।
4. मंदिर एक्ट के विपरित गैर योजना में राशि खर्च किया जाना।