महाभारत युद्ध के बाद कितने योद्धा जीवित रहे, वो कौन कौन थे, वो महान योद्धा भी जिसका नाम कोई नहीं लेता

क्या आपको मालूम है कि सबसे बड़ा युद्ध कहा जाने वाले महाभारत की जब समाप्ति हुई तो कितने योद्धा जीवित रहे. ये इतने कम थे कि बहुत आसानी से उन्हें अंगुली पर गिना जा सकता है. ये युद्ध जब लड़ा जाना शुरू हुआ तो दोनों ओर से लाखों सैनिक युद्ध मैदान में आमने-सामने थे लेकिन…

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गणेश चतुर्थी पर घर में स्थापित करना चाहते हैं प्रतिमा? इन 5 बातों का रखें ध्यान!

सनातन धर्म में कोई भी शुभ अथवा मांगलिक कार्य करने से पहले भगवान गणेश की आराधना की जाती है. प्रत्येक वर्ष हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है. इस वर्ष यह पर्व 7 सितंबर को मनाया जाएगा. गणेश चतुर्थी पर्व के दिन…

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अद्भुत है नैनीताल का नंदा देवी महोत्सव, यहां मां की मूर्तियों का केले के पेड़ से होता है निर्माण, जानें परंपरा

उत्तराखंड के नैनीताल में 8 सितंबर से नंदा देवी महोत्सव की शुरुआत होने जा रही है. इस भव्य महोत्सव का आयोजन नैनीताल की सबसे पुरानी संस्था श्री राम सेवक सभा द्वारा विगत कई सालों से निरंतर किया जा रहा है. इस दौरान नैनीताल स्थित नयना देवी मंदिर में कुमाऊं की अधिष्ठात्री देवी मां नंदा सुनंदा…

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महाभारत युद्ध के खत्म होने के कितने दिनों बाद हुई भीष्म पितामह की मृत्यु, कितनी थी तब उनकी आयु

आमतौर पर लोगों को लगता है कि भीष्म पितामह का निधन महाभारत युद्ध के दौरान ही हो गया था लेकिन ऐसा नहीं है. इस विराट युद्ध के बाद भी वह महीने भर से ज्यादा से जिंदा रहे. बाद में उन्होंने खुद अपनी मृत्यु का दिन चुना और प्राण छोड़े. इस दौरान वह कहां रहे और…

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कब से हैं शारदीय नवरात्रि? बेहद खास है इनका महत्व, भगवान राम और रावण से है कनेक्शन

शक्ति की देवी की उपासना पूजा पाठ करने के लिए नवरात्रि के दिन बेहद ही खास और महत्वपूर्ण बताए गए हैं. साल 2024 में नवरात्रि आश्विन मास शुक्ला पक्ष की प्रतिपदा 3 अक्टूबर से प्रारंभ हो जाएंगे, जो नवमी 11 अक्टूबर तक किए जाने का विधान बताया गया है. साल में नवरात्र चार बार होते…

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पितृ पक्ष में दाढ़ी-बाल कटवाना क्यों है वर्जित? काशी के विद्वान से जानें धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

वैदिक पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष की शुरुआत भाद्रपद पूर्णिमा से होती है और यह आश्विन माह की अमावस्या तिथि पर समाप्त होता है. इन्हें बोलचाल की भाषा में ‘श्राद्ध’ भी कहा जाता है और इस अवधि को पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए उत्तम माना गया है. इस साल पितृपक्ष 17 सितंबर से 02…

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ईश्वर अराधना की एक विधि है आरती

आरती देवी-देवता या अपने आराध्य, अपने ईष्ट देव की स्तुति की उपासना की एक विधि है। आरती के दौरान भक्तजन गाने के साथ साथ धूप दीप एवं अन्य सुगंधित पदार्थों से एक विशेष विधि से अपने आराध्य के सामने घुमाते हैं। मंदिरों में सुबह उठते ही सबसे पहले आराध्य देव के सामने नतमस्तक हो उनकी…

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ग्रहों और किस्मत से क्या है संबंध?

ग्रहों का व्यक्ति के जीवन पर काफी प्रभाव पड़ता है। ग्रह कई बीमारियों के लिए भी जिम्मेदार होते हैं। आइए जानते हैं किस ग्रह की वजह से कौन सी बीमारी हो सकती है और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए। शरीर में कुल मिलाकर पांच तत्व और तीन धातुएं होती हैं। ये पांचों तत्व…

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मंत्रों की ध्वनि में होती है शक्ति

वैसे तो मंत्रों के अर्थ इतना महत्व नहीं रखते क्योंकि विशेषज्ञों का मानना है कि मंत्रों के अर्थ में नहीं बल्कि ध्वनि में शक्ति होती है। इसका एक कारण यह भी है कि इन मंत्रों की उत्पति के बारे में कहा जाता है कि ये किसी व्यक्ति विशेष द्वारा नहीं लिखे गए हैं बल्कि वर्षों…

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सभी प्रकार के रोगों और पीड़ाओं से मुक्ति दिलाता है हनुमान यज्ञ

‘नासे रोग हरे सब पीरा। जो सुमिरे हनुमंत बलबीरा।।‘ हनुमान चालीसा की यह चौपाई बताती है कि बजरंग बली सभी प्रकार रोगों और पीड़ाओं से मुक्ति दिला सकते हैं। इसी प्रकार कलयुग में हनुमान यज्ञ सभी प्रकार की पीड़ा से मुक्ति दिलाने वाला और धन और यश की प्राप्ति के लिए एक उत्तम और चमत्कारिक…

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