आईपीएस बनने के इंतजार में 310 एसपीएस, लेकिन दो साल में बन पाएंगे केवल सात

भोपाल।
मध्य प्रदेश में राज्य पुलिस सेवा से भारतीय पुलिस सेवा में पदोन्नति के लिए सिस्टम इतनी धीमी गति से चल रहा है कि प्रदेश में पात्र अफसर की संख्या के सिर्फ एक प्रतिशत ही अफसर ही एक साल में पदोन्नत हो पा रहे हैं। राज्य पुलिस सेवा की आठ साल की नौकरी करने के बाद ये अफसर आईपीएस की पदोन्नति पाने के पात्र हो जाते हैं, लेकिन प्रदेश में ऐसा नहीं हो पा रहा है। हालात यह है कि यहां पर राज्य पुलिस सेवा की 27 साल की नौकरी करने के बाद भी आईपीएस अवार्ड नहीं हो पा रहा है। प्रदेश में इस साल तीन और अगले साल चार अफसर ही पदोन्नत होकर आईपीएस बन सकेंगे।
यह मामला विधानसभा में भी उठा। भाजपा के एक विधायक के सवाल पर जब राज्य पुलिस सेवा के अफसरों को आईपीएस के लिए पदोन्नति के पात्र अफसरों की लिस्ट सामने आई तो आंकड़े चौकाने वाले थे। प्रदेश में इस समय 310 अफसर ऐसे हैं जो आईपीएस बनने के लिए पात्र हो चुके हैं। दरअसल राज्य पुलिस सेवा की आठ वर्ष की नौकरी के बाद एसपीएस अफसर जिनकी उम्र 56 साल से कम हो वे आईपीएस की पदोन्नति के लिए पात्र हो जाते हैं। इसमें खासबात यह है कि प्रदेश में उपनिरीक्षक से भर्ती हुए कुछ अफसर भी आईपीएस बनने के लिए प्रदेश में पात्र हैं। जबकि कई अफसर आठ साल की नौकरी करने के बाद भी अब तक डीएसपी से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की पदोन्नति ही नहीं पा सकें हैं।
क्यों हुई यह स्थिति
राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस हुए अफसरों एक वर्ष में जितने रिटायर होते हैं, उनके जगह पर राज्य पुलिस सेवा के अफसरों को पदोन्नत कर आईपीएस अवार्ड होता है। प्रदेश में ऐसे एसपीएस अफसरों की संख्या इसलिए बढ़ती जा रही है क्योंकि एमपीपीएससी के जरिए कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में डीएसपी चुन कर आए। वर्ष 1995 बैच में ही 50 के लगभग अफसर थे। इस एक बैच के अफसरों का जब आईपीएस बनने का नंबर आया तो सभी को पदोन्नत होने में 6 साल लग गए। हालात यह हो गए कि इस बैच के कुछ अफसर डीआईजी के पद पर पदोन्नत हो चुके हैं, जबकि कुछ अफसर अभी पुलिस अधीक्षक रैंक पर ही हैं और आने वाले तीन साल तक इस बैच के अफसर डीआईजी के लिए पदोन्नत होते रहेंगे। इसी तरह की स्थिति वर्ष 1997 बैच के अफसरों की है। इस बैच के कुछ अफसर आईपीएस हो चुके हैं, जबकि कई अफसर अभी भी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर हैं। इस बैच के सभी अफसरों को आईपीएस बनने में अगला साल भी लगेगा। इसके बाद 1998 बैच के 27 अफसर प्रदेश में हैं। इस बैच को भी आईपीएस होने में वर्ष 2025 के बाद तीन से चार साल लग सकते हैं।