सेना दिवस विशेष: सात दशक बाद सीमा पर तैनात होंगी महिलाएं

नई दिल्ली। सेना दिवस विशेष: सात दशक बाद सीमा पर तैनात होंगी महिलाएं।
भारतीय फौज आज 70वां सेना दिवस मना रही है। सात दशक के सफर में सेना ने हमेशा गर्व महसूस कराया। 2018 का सेना दिवस महिला जवानों के लिए खास है। दरअसल भारतीय सेना एक बहुत बड़े बदलाव की तैयारी में है। जल्द ही महिला फौजियों को भी जंग के मोर्चे पर भेजा जाएगा। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी इस बात पर मुहर लगा चुके हैं। इसकी शुरुआत सेना पुलिस में महिलाओं की नियुक्ति के साथ होनी है। इसे सेना में लैंगिक समानत की दिशा में भी एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
इस योजना के तहत सेना पुलिस में करीब 874 महिलाओं को शामिल किया जाएगा और 52 महिला जवानों को हर साल शामिल करने की योजना है। महिला कर्मियों को इसी साल क्रमिक तौर पर कश्मीर की घाटी में तैनात किया जा सकता है। कश्मीर में ऑपरेशन के दौरान कई बार महिलाएं आतंकियों की ढाल बनकर सामने आ जाती हैं। इनसे निपटने के लिए भी सेना पुलिस में महिलाओं की जरूरत है।
ये है महिला पुलिस की जिम्मेदारी-
सेना पुलिस की भूमिका में छावनियों और थलसेना की इकाइयों की पुलिसिंग, सैनिकों की ओर से नियम-कायदों के उल्लंघन को रोकना और शांति और युद्ध के दौरान व्यवस्था से जुड़े इंतजाम करने सहित कई अन्य जिम्मेदारियां शामिल हैं।
पुरुषों की तरह होगी ट्रेनिंग-
मिलिट्री पुलिस में शामिल होने वालीं महिला सैनिकों की ट्रेनिंग भी पुरुष सैनिकों की तरह 62 हफ्ते की होगी। भर्ती प्रक्रिया इसी साल से शुरू होनी है।
मेडिकल के बाद अब मोर्चे की तैयारी-
अभी हमारी सेना में महिला केवल अफसर ही बन सकती हैं। हालांकि अर्धसैनिक बलों में महिला जवानों की भर्ती भी होती है। भारतीय सेना के मेडिकल कोर में महिलाओं का दबदबा है। भारतीय सेना में 5660 महिला अधिकारी है। इसमें 4224 अधिकारी मेडिकल क्षेत्र में हैं जबकि 1436 अधिकारी अन्य ब्रांच में हैं। नौसेना में 819 महिला अधिकारी हैँ। 406 अधिकारी मेडिकल और नर्सिग में हैं 413 अन्य विभागों में। वायुसेना में महिला अधिकारियों की संख्या 1,871 इसमें करीब 543 मेडिकल नर्सिग क्षेत्र में हैँ। जबकि 1328 अन्य ब्रांचों में काम कर रही है। अन्य ब्रांचों में कानूनी, शैक्षणिक, सिग्नल और इंजीनियरिंग जैसी चुनिंदा शाखाओं में महिलाएं काम करती हैं।
28 पुरुषों की तुलना में एक अधिकारी-
भारतीय सेना में कुल करीब 13 लाख जवान हैं,जिनमें करीब 37 हजार पुरुष अधिकारी हैं। महिला अधिकारियों की कुल संख्या मात्र 1300 है। यानि सेना में प्रति 28 पुरुष अधिकारियों की तुलना में सिर्फ एक महिला अधिकारी है।
लड़ाकू विमान भी उड़ाने लगी बेटियां
युद्ध पोतों में भी दिखेगी ताकत
थल और वायु सेना में ही नहीं महिलाएं नौसेना में भी झंडे गाड़ रही है। महिलाओं को पायलट के तौर पर शामिल करने की मंजूरी 2015 में दी गई थी लेकिन पहली बार किसी महिला को स्थायी कमिशन नवंबर 2017 में ही मिला। केरल स्थित इंडियन नेवल अकैडमी की पासिंग आउट परेड में शामिल शुभांगी स्वरूप बतौर पायलट पहली बार परमानेंट कमिशन लिया। हंिदू महासागर में चीन के गतिविधियों पर नजर रखने में महिला पायलट का इस्तेमाल किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार युद्ध पोतों पर भी जल्द महिलाओं को भेजा जाएगा। नौसेना के आर्मामेंट इंस्पेक्शन ब्रांच में पहली बार महिलाओं को शामिल किया गया है।
लड़ाकू विमान भी उड़ाने लगी बेटियां-
भारतीय वायुसेना में अभी करीब 1300 महिला अफसर हैं। इनमें से ज्यादातर जमीनी कामकाज से ही जुड़ी हैं। 2017 में देश में पहली बार तीन महिलाएं वायुसेना के लड़ाकू विमानों की पायलट बनी हैं। हैदराबाद के दुन्दिगल में स्थित वायुसेना अकादमी में सफल प्रशिक्षण के बाद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने अवनी चतुर्वेदी, भावना कांत और मोहना सिंह को भारतीय वायु सेना में कमीशन दिया।
सरहद पार तैनात महिला अधिकारी-
सेना में भले ही इस साल से महिलाओं को मोर्चे पर भेजे जाने की तैयारी हो लेकिन अर्धसैनिक बलों में महिलाएं सीमा पर डटी है। सीमा सुरक्षा बल के इतिहास में 52 साल बाद महिला अधिकारी तनुश्री पारीक ने भारत-पाक अंतरराष्टीय सीमा पर देश की सुरक्षा की कमान संभाली है। राजस्थान के बीकानेर की रहने वाली तनुश्री 25 मार्च 2017 को बीएसएफ में बतौर महिला अधिकारी शामिल हुई। उन्होंने बीएसएफ अकादमी में अधिकारियों के 40वें बैच में बतौर सहायक कमांटेंड 52 हफ्तों का प्रशिक्षण पूरा किया हैं। पारिक की तैनाती से उन महिला कांस्टेबलों को कई प्रकार की उन समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा जिन्हें वे पुरुष अधिकारियों के सामने नहीं रख पाती थीं।
भारतीय सेना की चार खासियतें-
1. भारतीय सेना दुनिया में सबसे ऊंचे युद्ध के मैदान सियाचीन को नियंत्रित करती है सियाचिन ग्लेशियर समुद्र तल से 5000 मीटर ऊपर है
2. दुनिया में भारत के पास सबसे बड़ी स्वैच्छिक सेना है। संविधान में जबरन भर्ती का प्रावधान है लेकिन आज तक इसका प्रयोग नहीं किया गया है
3. भारतीय सेना पहाड़ी लड़ाइयों में माहिर है भारतीय सेना का हाई ऑल्टीट्यूड वॉरफेयर स्कूल दुनिया के सबसे अच्छे ट्रेनिंग संस्थान में गिना जाता है
4. भारत की अन्य सरकारी संगठनों और संस्थाओं की तरह, जाति या धर्म के आधार पर आरक्षण के लिए कोई प्रावधान नहीं हैं। सैनिक भर्ती योग्यता और कड़े स्वास्थ्य परीक्षण पर होती है।