चंबल की धरती पर राहुल-शाह का संग्राम, सिंधिया-राजे का दुर्ग है निशाना

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. कांग्रेस- बीजेपी दोनों के लिए करो या मरो की हालत है. यही वजह है कि दोनों दलों ने राज्य की सियासी जंग को फतह करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. मध्य प्रदेश में ग्वालियर-चंबल कांग्रेस का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता है, इसे भेदने के लिए मंगलवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह उतर रहे हैं.
विधानसभा चुनाव में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका के मद्देनजर बीजेपी अध्यक्ष का ग्वालियर-चंबल दौरा काफी अहम माना जा रहा है. अमित शाह पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं के साथ ही डॉक्टर, इंजीनियर, वकील और अन्य पेशेवर युवाओं के साथ संवाद करेंगे. इसके अलावा शिवपुरी में पार्टी के संयोजकों का सम्मेलन और गुना में रोड शो करेंगे.
वहीं, अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उज्जैन-इंदौर दौरे को रद्द कर पहले ग्वालियर-चंबल संभाग में उतरने का मन बनाया है. जबकि राहुल का पहले प्रोग्राम अक्टूबर महीने के आखिर में था, लेकिन माना जा रहा है कि अमित शाह के कार्यक्रम को देखते हुए उन्होंने अपनी रणनीति में बदलाव कर इसी महीने के 15-16 अक्टूबर को बीहड़ की रणभूमि में उतरने का प्लान बनाया है.
मध्य प्रदेश के छह अंचलों में से ग्वालियर-चंबल इलाके में कांग्रेस सबसे मजबूत स्थिति में है. राज्य की कुल 230 विधानसभा सीटों में 34 सीटें इसी इलाके से आती हैं. 2013 के विधानसभा चुनाव में इन 34 सीटों में से बीजेपी को 20, कांग्रेस को 12 और बसपा को 2 सीटें मिली थीं. कांग्रेस को पिछले चुनाव में इसी संभाग में सबसे ज्यादा सीटें मिली थीं. 2008 की तुलना में बीजेपी की सीटों में 6 का इजाफा हुआ था. जबकि कांग्रेस की पहले 13 सीटें थीं, जिनमें से एक घट गई थी.
ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में ग्वालियर, मुरैना, भिंड, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, अशोक नगर और दतिया जिले आते हैं. पिछले चुनाव में श्योपुर की दो सीटों में से एक कांग्रेस-एक बीजेपी, मुरैना की 8 सीटों में से 6 बीजेपी और 2 बसपा मिली थी. जबकि कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था.
भिंड की पांच सीटों में से 3 बीजेपी और 2 कांग्रेस, ग्वालियर की 6 सीटों में से 4 बीजेपी और 2 कांग्रेस, दतिया की सभी 3 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. इसके अलावा शिवपुरी की 5 सीटों में से 2 बीजेपी और 3 कांग्रेस, गुना की 4 सीटों में से 2 बीजेपी और 2 कांग्रेस और अशोक नगर की तीन सीटों में से एक बीजेपी और 2 कांग्रेस ने जीत हासिल की थी.
ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में कांग्रेस के पास सबसे बड़े चेहरे के रूप में ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं. इसके बाद डॉ. गोविंद सिंह कांग्रेस के दूसरे कद्दावर नेता माने जाते हैं. वे 6 बार से विधायक हैं. इसके अलावा कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री रामनिवास रावत इसी इलाके से आते हैं. जबकि बीजेपी के चेहरे के तौर पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, बीजेपी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा, यशोधरा राजे सिंधिया और जयभान सिंह पवैया जैसे नाम शामिल हैं.
बसपा का मध्य प्रदेश में सारा राजनीतिक दारोमदार इसी इलाके पर टिका है. ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में पिछले चुनाव में बसपा को 2 सीटें मिली थी. जबकि इससे पहले 5 सीटें रही हैं. बसपा ग्वालियर, मुरैना, शिवपुरी, रीवा व सतना जिलों में दो से लेकर सात सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है. वहीं भिंड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया और शिवपुरी की कुछ सीटों पर दूसरे स्थान पर रहकर पार्टी ने अपनी ताकत दिखाई थी