मोदीकेयर’ से अपनी हेल्थ स्कीम को जोड़ने को कई राज्य सहमत

गुजरात, हिमाचल प्रदेश, असम, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य अपनी मौजूदा स्वास्थ्य बीमा योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत के साथ जोड़ सकते हैं. 10 करोड़ गरीब परिवार केंद्र सरकार की हेल्थ कवरेज आयुष्मान भारत नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन (ABNHPM) के दायरे में आएंगे. आयुष्मान भारत के सीईओ इंदू भूषण का कहना है कि इससे राज्यों की हेल्थ योजनाओं का दायरा बढ़ेगा.
अंग्रेजी अखबार इकोनामिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के साथ गुजरात, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश इसके लिए केंद्र सरकार के साथ इसी महीने सहमति पत्र (एमओयू) पर दस्तखत कर सकते हैं. वहीं, हिमाचल प्रदेश और असम के साथ मई में ही समझौता हो चुका है.
इंदू भूषण ने कहा कि योजनाओं को इस तरह से मिलाया जाएगा कि दोनों की खास खूबियां बनी रहें. उन्होंने कहा कि कई राज्यों के पास अपनी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम हैं, जिनमें केंद्र की प्रस्तावित योजना के मुकाबले ज्यादा लोगों को कवरेज मिल रहा है लेकिन 5 लाख की कवरेज राशि केंद्र की योजना में हैं. ऐसे मामलों में हम राज्यों से दोनों योजनाओं को मिलाने के लिए कह रहे हैं ताकि 5 लाख तक की कवरेज, देश भर के अस्पतालों में इलाज, यूनिफाइड आईटी फ्रेमवर्क और सामाजिक-आर्थिक और जातिगत आंकड़ों के आधार पर सभी योग्य लाभार्थियों को आयुष्मान भारत नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन के तहत मिलने वाली सुविधाएं मिल सकें.
भूषण ने बताया कि राज्यों और केंद्र की योजनाओं को मिलाने से कवरेज का दायरा बढ़ेगा. मौजूदा समय में कई भी राज्य 5 लाख रुपये तक का सालाना कवर अभी तक नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि नेशनल पोर्टेबिलिटी से मरीज दूसरे राज्य के अस्पतालों में भी इलाज करा सकेंगे. देश के कुछ राज्यों में इससे ट्रीटमेंट पैकेज की संख्या भी बढ़ेगी.
बता दें कि जिन राज्यों में मौजूदा स्कीम के तहत आयुष्मान भारत से अधिक पैकेज रेट ऑफ किए जा रहे हैं, वे केंद्र की प्रस्तावित दरों में संशोधन करके उसे अपने बराबर कर सकते हैं. राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र, कर्नाटक, असम और सिक्किम के पास अपनी स्वास्थ्य बीमा योजनाएं हैं. उन्होंने बताया कि तमिलनाडु अपनी इंश्योरेंस स्कीम को आयुष्मान भारत के साथ विलय करने के लिए औपचारिक मंजूरी की हमें उम्मीद है.
वहीं, इस हफ्ते हम गुजरात के साथ इसके लिए सहमति की उम्मीद कर रहे हैं. भूषण ने कहा कि आंध्र प्रदेश के पास पहले से हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम के लिए एक ट्रस्ट है. वह आयुष्मान भारत से जुड़कर मेडिकल कवरेज को 5 लाख रुपये तक बढ़ा सकता है. इससे ट्रीटमेंट पैकेज और नैशनल पोर्टेबिलिटी की सुविधा भी राज्य के लोगों को मिल सकेगी.
जबकि मध्य प्रदेश, यूपी, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के पास अपनी हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम नहीं हैं. प्राइवेट इंश्योरेंस या ट्रस्ट रूट से आयुष्मान भारत को लागू करने के लिए उनके इस हफ्ते केंद्र के साथ एग्रीमेंट साइन करने की उम्मीद है.