बाबरी केस में आडवाणी, जोशी और उमा की पेशी आज, तय हो सकते हैं आरोप

– सीबीआई की स्पेशल कोर्ट बाबरी केस से जुड़े दो अलग अलग मामलों की सुनवाई कर रही है।
– मस्जिद को ढहाने के केस में 22 मई को सुनवाई हुई थी। इसमें महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदांती, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, चंपत राय बंसल, धर्मदास और डॉ. सतीश प्रधान के खिलाफ आरोप तय नहीं हो सके थे। हालांकि, सतीश प्रधान को छोड़कर इनमें से कोई भी कोर्ट में हाजिर नहीं था। कोर्ट ने इन लोगों को भी आरोप तय करने के वक्त मौजूद रहने को कहा था।
– कोर्ट ने कहा था कि 30 मई को सुनवाई के दौरान इन आरोपियों की ओर से छूट या स्थगन को लेकर दायर की गई कोई भी एप्लीकेशन मंजूर नहीं की जाएगी।
क्या है पूरा मामला?
– दिसंबर, 1992 को दो एफआईआर दर्ज की गई थीं। पहली अज्ञात कारसेवकों के खिलाफ। इन पर मस्जिद ढहाने का आरोप था। इसकी सुनवाई लखनऊ कोर्ट में हुई थीवहीं, दूसरी एफआईआर आडवाणी, जोशी और अन्य लोगों के खिलाफ थी। इन सभी पर मस्जिद ढहाने के लिए भड़काऊ स्पीच देने का आरोप था। इस केस की सुनवाई रायबरेली के सेशन कोर्ट में चल रही थी।

– पिछली सुनवाई में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, “लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 13 लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने का मामला चलना चाहिए।”

– सीबीआई के वकील ने कोर्ट को बताया कि रायबरेली में 57 लोगों की गवाही ली जा चुकी है। वहीं, 100 से ज्यादा लोगों की गवाही ली जानी है। यह भी बताया कि सभी 21 आरोपियों के खिलाफ आरोपों को हटा लिया गया था। इनमें बीजेपी नेता भी शामिल हैं।
किन लोगों पर केस?
– रायबरेली में चल रहे केस में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, सतीश प्रधान, चंपत राय बंसल, विष्णु हरि डालमिया, सतीश प्रधान, राम विलास वेदांती, जगदीश मुनि महाराज, बीएल शर्मा, नृत्य गोपाल दास, धर्म दास का नाम शामिल हैं।

– इसके अलावा बाल ठाकरे, गिरिराज किशोर, अशोक सिंघल, महंत अवैद्यनाथ, परमहंस रामचंद्र और मोरेश्वर सावे के नाम भी हैं। इन सभी लोगों का निधन हो चुका है।
पिछली सुनवाई में वेदांती ने क्या कहा था?
– पिछली सुनवाई में वेदांती ने कहा था, ”मैं मानता हूं कि मैंने ही ढांचे को तुड़वाया था, क्योंकि उस समय आडवाणी, जोशी और उमा आधा ढांचा गिर जाने के बाद आए थे। मैंने श्रीराम को अपना ईष्टदेव मानकर, श्रीकृष्ण के कहे हुए शब्दों पर अपना मन लगाया और बाबरी ढांचे को गिराने का संकल्प लिया।”

– ”बाबरी ढांचा गिराने के एक दिन पहले रात में उस वक्त के पीएम पीवी नरसिम्हा राव का फोन आया था। उन्होंने मुझसे पूछा कि कल क्या होगा। इस पर मैंने कहा कि बाबरी ढांचे को गिराया जाएगा और राम मंदिर बनेगा। लेकिन आपकी मदद की जरूरत होगी, क्योंकि अगर आपकी तरफ से आर्मी भेजी गई तो ये काम संभव नहीं हो पाएगा।”

– ”इसके बाद नरसि‍म्हा राव ने कहा कि हमारा आपको पूरा सपोर्ट है। इसके बाद सुबह हम जैसे ही तैयार होकर मंदिर की तरफ निकलने लगे तो गौरी-गणेश के पूजन से पहले फिर नरसिम्हा राव का फोन आया। उन्होंने पूछा कि क्या स्थ‍िति है। मैंने कहा कि श्रीराम का जयकारा लगना बाकी है। बाकी पूरा प्रबंध हो गया है। इस पर उन्होंने कहा कि चिंता न करो, हम आपके साथ हैं।”
आडवाणी ने कारसेवकों से तोड़फोड़ नहीं करने को कहा था

– वेदांती ने कहा था, ”पहले गौरी-गणेश का पूजन हुआ। इसके बाद मैंने कारसेवकों से कहा कि सिम्बॉलिक कारसेवा करनी है। इसके बाद हम राम के मंदि‍र में जाकर पूजा अर्चना करेंगे। लेकिन कार्यकर्ताओं में जोश इतना ज्यादा था कि वो नारे लगाते रहे कि रामलला हम आ गए, मंदिर वहीं बनाएंगे। दो घंटे के अंदर गुंबद का आधा हिस्सा नीचे गि‍र चुका था। इसके बाद आडवाणी, जोशी और उमा भारती वहां पहुंचे और उन्होंने कारसेवकों से कहा कि आप लोग इस तरह तोड़फोड़ न करें।”
SC ने कहा था- आडवाणी, उमा पर आपराधिक साजिश का केस चलेगा

– 19 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पीसी घोष और जस्टिस आरएफ नरीमन की बेंच ने कहा था कि अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने के मामले में आडवाणी समेत बीजेपी के 13 नेताओं पर आपराधिक साजिश का केस चलेगा। कोर्ट ने सीबीआई की पिटीशन पर ये फैसला सुनाया था।

– कोर्ट ने ये भी कहा था, “इस मामले में चल रहे दो अलग-अलग मामलों को एक कर दिया जाए और रायबरेली में चल रहे मामले की सुनवाई भी लखनऊ में की जाए। ये भी तय किया जाए कि सुनवाई दो साल में खत्म हो।”
– “सामान्य हालात में केस की सुनवाई टाली न जाए। जब तक सुनवाई पूरी न हो, तब तक जज का ट्रांसफर नहीं हो सकेगा। केस जिस लेवल पर थे, वहीं से शुरू होंगे।”
– बेंच ने सीबीआई को आदेश दिया था कि वह यह तय करे कि गवा