भाजपा का पूर्व कमल नाथ सरकार पर बड़ा आरोप, किसान कर्ज माफी को बताया सबसे बड़ा घोटाला

भोपाल। किसानों की जिस कर्जमाफी के वचन के सहारे कांग्रेस 15 साल बाद मध्य प्रदेश की सत्ता में आई थी, उसमें किसानों के नाम पर सदी के सबसे बड़े घोटाले की आशंका प्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने जाहिर की है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार ने ब्लैंक चेक की तरह प्रमाणपत्र बांटे, लेकिन वास्तव में कर्जमाफी हुई ही नहीं। सरकार के खजाने से पैसा निकल गया, लेकिन किसानों के खातों में नहीं पहुंचा, तो आखिर गया कहां? यही तो जांच का विषय है। हम इसकी तह में जाएंगे और जो दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। बैंकों से किसानों को नो-ड्यूज नहीं मिले हैं। छिंदवाड़ा और झाबुआ को छोड़कर कहीं दो लाख रुपये का कर्ज माफ नहीं हुआ। उधर, पूर्व जनसंपर्क मंत्री व कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने इसे ध्यान भटकाने का षड्यंत्र करार दिया है।
गौरतलब है कि कमल नाथ सरकार ने 20 मार्च से छह माह पहले तक जो भी फैसले लिए थे, उनकी जांच शिवराज सरकार मंत्री समूह (गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और कृषि मंत्री कमल पटेल) से करा रही है। समूह की सोमवार को भोपाल स्थित मंत्रालय में बैठक हुई। इसके बाद मीडिया से रूबरू होते हुए डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जब कर्जमाफी का रिकॉर्ड सामने आया तो हम चिंतित हो गए।
मध्य प्रदेश में किसानों के साथ इतना बड़ा छल या सदी का सबसे बड़ा घोटाला कमल नाथ सरकार ने जय किसान फसल ऋण माफी योजना के नाम पर किया है। किसानों को जो कर्जमाफी के प्रमाण पत्र दिए गए, वे फर्जी थे। ब्लैंक चेक की तरह तत्कालीन मुख्यमंत्री कमल नाथ के हस्ताक्षर के साथ इन्हें भेज दिया गया। इनमें न तो नाम, पता, नंबर या कोई राशि थी।
ध्यान भटकाने का प्रयास : शर्मा
इधर, आरोपों पर तत्कालीन जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की बातें की जा रही हैं। दो चरणों में 23 लाख से ज्यादा किसानों का एक लाख रुपये तक चालू खाते और दो लाख रुपये तक कालातीत कर्ज माफ किया गया है। पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव का कहना है कि हमारे पास कर्जमाफी के पूरे प्रमाण हैं। सच्चाई यह है कि शिवराज सरकार किसानों की कर्जमाफी के कभी पक्ष में नहीं रही है इसलिए प्रोपेगेंडा कर रही है।
छिंदवाड़ा में हुए कामों की रिपोर्ट तलब
सूत्रों के मुताबिक मंत्री समूह ने कांग्रेस सरकार के समय पूर्व सीएम कमल नाथ के गृह नगर छिंदवाड़ा में हुए लगभग 12 हजार करोड़ रुपये के विभिन्न् कामों से जुड़े टेंडर और नियम प्रक्रियाओं की जानकारी तलब की है। बताया जा रहा है कि कई काम नियमों को दरकिनार रखकर करवाए गए हैं।