ब्रान्ड इंडिया की चमक पड़ी फीकी, सबसे वैल्यूएबल ब्रैंड में 8वें स्थान पर खिसका भारत

नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार का असर अब ब्रान्ड इंडिया पर भी देखने को मिल रहा है। ब्रान्ड फाइनेंस के राष्ट्रीय ब्रान्ड 2017 में भारत 8वें स्थान पर फिसल गया है। इस रैंकिंग में अमेरीका पहले स्थान पर काबिज है तो वहीं चीन अभी भी दूसरे पायदान पर है। पिछले साल की तूलना में भारत को एक पायदान का नूकसान हुआ। इसके पहले भारत 7वें स्थान पर था जिसपर इस साल कनाडा का कब्जा है। पिछले साल के अपेक्षा भारत का ब्रान्ड वैल्यू एक फीसदी तक फिसला तो वहीं कनाडा का ब्रान्ड वैल्यू 14 फीसदी बढ़ा है। भारत की धीमी आर्थिक रफ्तार और हाल ही में लागू हुई नई टैक्स व्यवस्था जीएसटी के वजह से हुआ है।
कई फ्रंट पर लगा भारत को झटका
2017 में सबसे ज्यादा वैल्यूएशन ग्रोथ चीन ने किया है। इस साल अब तक चीन का वैल्यूएशन ग्रोथ 44 फीसदी रहा। रिपोर्ट मे कहा गया है, चीनी ब्रान्ड एक उभरती वैश्विक शक्ति बन रहा, साथ ही चीन की बदलती राष्ट्रीय छवि इसका सबसे बड़ा कारक है। वहीं दूसरी तरफ, भारत को कई फ्रंट पर झटका लगा है। जानकारों कों मानना है कि किसी भी रिफॉर्म को नौकरियों के अवसर प्रदान करने के लिए, वित्तीय सहायता और विकास मे बढ़ावा देने के लिए होना चाहिए। बै्रंड फाइनेंस के सीईओ डेविड हेग के अनुसार, इससे भविष्य में देशों के ब्रान्ड वैल्यू पर भी खतरा बन गया है। भारत के ब्रान्ड रेटिंग में AA- से सुधर कर AA हो गया है, लेकिन इससे भारत के टॉप टेन बेस्ट परफॉर्मिंग ब्रैंड बनने में मदद नहीं मिली। ब्रैंड एनलिस्ट ने लोकतंत्र, विविधता, युवाओं की संख्या और तकनीक ग्रहणशीलता को भारत का स्तंभ बताया।
ग्रीनफील्ड विदेशी निवेश में भारत चीन और अमेरीका से आगे
रिपोर्ट मे कहा गया है कि, संस्कृति से संबंधित विशेषताओं मे भारत मजबूत हैं तो वहीं बिजनेस से संबंधित विशेषताओं मे कमजोर है। जानकारों का मानना है कि, भारत को तेज आर्थिक रफ्तार, त्वरित रोजगार , इंफ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि और एंटरप्राइज में कुछ कर गुजरने की भावना की जरूरत हैं। हेग के अनुसार, ग्रीनफील्ड विदेशी निवेश के मामलें मे भारत ने चीन और अमेरीका को पीछे छोड़ दिया है और इसको बरकरार रखना भारत के लिए चुनौती होगा। उन्होने आगे कहा कि, पिछले साल के बाद भारत और चीन के लंबी अवधि की अर्थव्यवस्था थोड़़ी ठंडी पड़ गई है, लेकिन चीनी अर्थव्यवस्था को कम रिस्क के तौर पर देखा जा रहा है।
गेम ऑफ थ्रोन्स ने बनाया आइसलैंड का टूरिज्म इंडस्ट्री
रिपोर्ट मे कहा गया है कि, अमेरीका और चीनी ब्रैंड को पश्चिम ठहराव और एशियन एडवांस के व्यापक ट्रेंड के कारण सामने आया है। एक तरफ जर्मनी, नीदरलैंड, बेल्जियम, स्वीटजरलैंड, स्वीडन और ऑस्ट्रिया जैसे यूरोपिय देशों के ब्रैंड वैल्यू में या तो कोई गिरावट नहीं है या फिर बहुत कम हुआ है। वहीं दूसरी तरफ इसी अवधि में एशियाई देशों के ब्रैंड में अच्छी तेजी हुई है। इस साल की ब्रैंड वैल्यू की बात करें तो आइसलैंड का कहानी काफी रोचक दिखती है। गेम ऑफ थ्रोन्स की आइसलैंड में शूटिंग के बाद से वहां का टूरिज्म इंडस्ट्री में व्यापक तौर पर बढ़ोतरी देखने को मिल रहा है। इसी वजह से आइसलैंड 2017 को सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाला राष्ट्र बन गया है। पिछले साल से इसमें 83 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। भारत में टूरिज्म की बात करें तो इसमें पिछले साल से 2 फीसदी की कमी आई है।