कांग्रेस पहली बार अपने घोषणापत्र में NRI के सुझावों को देगी जगह

आगामी लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस अप्रवासी भारतीयों (NRI) को रिझाने की कवायद कर रही है. कांग्रेस इसके लिए अप्रवासी भारतीयों की सिफारिशों और मांगों को अपने घोषणापत्र में जगह देने की रणनीति बनाई है. कांग्रेस दुनिया के तमाम देशों में रह रहे भारतीयों को इसके जरिए साधने की रणनीति है.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अपने घोषणापत्र में अप्रवासी भारतीय (एनआरआई) समुदाय को तवज्जो देने की योजना है. कांग्रेस सचिव हिमांशु व्यास ने कहा कि यह पहली बार है कि एनआरआई समुदाय की सिफारिशें पार्टी के चुनाव घोषणापत्र का हिस्सा होंगी.
हाल ही में सैम पित्रोदा के नेतृत्व वाली अप्रवासी भारतीयों का संगठन ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ ने दुबई में भारतीय डायस्पोरा की सिफारिशों को सुना. दिलचस्प बात ये है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में अपनी यूएई यात्रा के दौरान कहा था कि एनआरआई मांग, सुझाव, सिफारिशें कांग्रेस के घोषणापत्र का हिस्सा बनेगी.
एनआरआई समुदाय को संबोधित करते हुए, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (आईओसी) के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने अप्रवासी भारतीयों के कारणों को रेखांकित किया था. उन्होंने भी कहा था कि कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र के लिए अनिवासी भारतीयों की सिफारिशें लेने का फैसला किया.
पित्रोदा ने अप्रवासी भारतीयों से कहा था कि हम यह समझना चाहते थे कि NRI के लिए कांग्रेस क्या कर सकती है और NRI भारत के लिए क्या कर सकते हैं? यही नहीं भारतीय शासन में सुधार के विभिन्न क्षेत्रों के बारे में वो क्या राय रखते हैं और कैसे बेहतर बनाया जा सकता है.
कांग्रेस के दो दिवसीय सत्र में 16 देशों के लगभग 200 प्रवासी भारतीयों ने हिस्सा लिया. भारतीय प्रवासी ने 14 प्रमुख क्षेत्रों- कृषि, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, वित्त, बुनियादी ढांचे, उभरती प्रौद्योगिकियों, महिला सशक्तिकरण, विदेश नीति, समावेश और विविधता, शहरीकरण, रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक न्याय पर चर्चा की.
पित्रोदा ने कहा कि एनआरआई समुदाय द्वारा दिए गए सभी इनपुटों को कांग्रेस मेनिफेस्टो समिति के सामने रखा जाएगा, जिसके बाद कमेटी तय करेगी कि इन सुझाव को घोषणापत्र में तवज्जो दिया जाएगा.