दिल्ली की हवा में घुला जहर: डॉक्टर बोले-मास्क पहनकर निकलें बाहर

डॉ. राजकुमार ने कहा कि इससे लोगों में अस्थमा और क्रॉनिकल ब्रोंकाइटिस का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, इसका असर कुछ दिन बाद दिखाई दे सकता है। उन्होंने कहा कि ये हवा फेफड़ों के लिए नुकसानदायक है। लेकिन सर्दियों में यह प्रदूषण गर्मियों के मुकाबले अधिक नुकसान पहुंचाएगा। वहीं, बीएल कपूर अस्पताल में डॉक्टर आरके सिंघल ने कहा कि पीएम2.5 और पीएम 10 की मात्रा बढ़ जाने से यह हवा फेफड़ों के अलावा त्वचा और आंखों के लिए भी नुकसानदायक है।
सिंघल ने कहा, अस्थमा जैसे सांस से जुड़े रोग वाले लोगों के लिए, क्रोनिक ऑबस्ट्रक्टिव एयरवेज डिजीज (सीओएडी) या एम्फिसीमा में धूल की मात्रा में थोड़ी भी बढ़ोतरी उनके लक्षणों को खराब बना सकती है।” धूल के कणों के काफी बारीक होने से सांस में जाने से आंखों में जलन, खांसी, छींक, बुखार व अस्थमा का दौरा पड़ सकता है। धूल के संपर्क में ज्यादा देर तक रहने से शिशुओं, छोटे बच्चों व बुजुर्ग लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा होने की संभावना है।
दिल्ली में धूलभरी हवाओं का दौर जारी
राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को भी धूलभरी हवाएं चलने का सिलसिला जारी है। न्यूनतम तापमान सामान्य से छह डिग्री ज्यादा 33.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “धूलभरी हवाएं जो मंगलवार से अपना असर दिखा रही हैं, वे शुक्रवार को भी दिनभर चलती रहेंगी। बारिश होने की कोई संभावना नहीं है।”
अधिकारियों के मुताबिक, ये धूलभरी हवाएं राजस्थान, ईरान और दक्षिणी अफगानिस्तान की ओर से चल रही हैं। अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री ज्यादा 40.5 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। सुबह 8.30 बजे आर्द्रता का स्तर 43 फीसदी दर्ज हुआ। वहीं, गुरुवार को अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री ज्यादा 34 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था