भारत को दुनिया की बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनाने का नया प्लान! मोदी सरकार ने किया जारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते G-20 में दुनिया को बताया कि भारत 5 लाख करोड़ डॉलर की आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर से तेजी से अग्रसर हो रहा है. वहीं, इसको लेकर आर्थिक सर्वेक्षण में इसके ब्लू प्रिंट की जानकारी दी गई हैं. मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) प्रोफेसर केवी सुब्रमण्यन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि अगले 5 साल तक 8 फीसदी की दर से ग्रोथ हासिल करने पर भारत 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है. वहीं, इसमें किस तरह की चुनौतियां आ सकती हैं, इस बात का भी जिक्र है.
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि इस लक्ष्य को वित्त वर्ष 2025 तक हासिल करने के लिए भारत को 4 फीसदी मुद्रास्फीति के साथ 8 फीसदी सालाना ग्रोथ रेट की जरूरत है. सुब्रमण्यन ने वित्त वर्ष 2020 के लिए 7 फीसदी विकास दर का अनुमान लगाया है.
मिलने लगे हैं सुधार के संकेत
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि निवेश दर निचले स्तर पर है, लेकिन इसमें सुधार के संकेत मिल रहे हैं. 2020 में निवेश में तेजी आ सकती है. बेहतर आर्थिक प्रदर्शन की उम्मीद जताते हुए कहा गया है कि ढांचागत सुधार जारी हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय अनुभव बताते हैं कि ऐसी वृद्धि को बचत, निवेश और निर्यात के अच्छे चक्र से ही बनाए रखा जा सकता है. निवेश, विशेषकर निजी निवेश ‘मुख्य प्रेरक’ है, जो मांग, क्षमता, निर्माण, श्रम उत्पादकता में वृद्धि करता है.
5 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की रणनीति की रूपरेखा बनाने के बाद भी इस लक्ष्य के लिए नीतियों में बार-बार सुधार करना आवश्यक होगा.
चीन का उदाहरण देते हुए बताया गया है कि उसने उपभोग में महत्वपूर्ण कमी करने के साथ मुख्य रूप से बचत और निवेश पर निर्भर किया है. चीन एक निवेशोन्मुखी अर्थव्यवस्था पर कायम है, जहां आज भी इसकी निवेश और बचत दरें 2017 में जीडीपी के लगभग 45 फीसदी तक पहुंच गई हैं.