41 करोड़ का आबकारी चालान घोटाला, घोटाले के रुपए से बनाया पेट्रोल पंप

इंदौर. 41 करोड़ के आबकारी घोटाले में पिछले ४० दिन से लगातार जांच में जुटी पुलिस को अब मामले में फरार चार ठेकेदारों की तलाश है। विभाग से मिली जानकारी में आरोपित ठेकेदारोंa द्वारा करीब साढ़े १४ करोड़ की चपत लगाने की बात सामने आई है। हाल ही में पकड़ाए आरोपित लवकुश पांडे ने पुलिस अफसरों के सामने दावा किया है कि घोटाले के रुपए से ही ठेकेदार विजय श्रीवास्तव ने पेट्रोल पंप और ढाबा बनाया है।
रावजी बाजार प्रभारी थाना टीआई प्रतीक शर्मा के मुताबिक घोटाले के आरोपित लवकुश निवासी यूपी की रिमांड खत्म होने पर मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। घोटाले के संबंध में पांडे से कई बिंदुओं पर पूछताछ की गई थी। उसने घोटाले के समय फरार ठेकेदार के पास सेल्समैन के रूप में काम करने की बात कबूली है। अब घोटाले में फरार ठेकेदार विजय श्रीवास्तव निवासी मनोरमागंज, जितेंद्र शिवरामे निवासी महाराष्ट्र, राहुल चौकसे निवासी सागर और अभिषेक शर्मा निवासी मंदसौर की गिरफ्तारी बाकी है।
पुलिस के मुताबिक जैसे-जैसे ठेकेदारों की गिरफ्तारी होती जाएगी घोटाले के समय उनके द्वारा अर्जित की गई प्रॉपर्टी को रिकॉर्ड में लिया जाएगा। आबकारी विभाग के रिकॉर्ड में इन ठेकेदारों द्वारा करोड़ों की चपत लगाने की बात सामने आई है।
अब तक ये बातें आईं सामने
टीआई प्रतीक शर्मा के मुताबिक पांच दिन रिमांड के दौरान आरोपित लवकुश ने बताया, वह घोटाले के समय ठेकेदार विजय श्रीवास्तव से जुड़ा था। उसने उसकी बड़वाह स्थित कई प्रॉपर्टी का खुलासा किया, जिसमें बड़वाह स्थित उसका पेट्रोल पंप होना बताया। पंप बनकर तैयार हो चुका था, लेकिन घोटाले में विजय का नाम सामने आते ही उसकी ओपनिंग नहीं हो सकी। पंप के पास विजय का निर्माणाधीन ढाबा होने की बात भी सामने आई, जिसके पीछे उसकी कीमती जमीन भी है। उसके मनोरमागंज स्थित फ्लैट की जानकारी मिली है। हालांकि, किसी बैंक ने लोन नहीं भरने पर उसका फ्लैट सील कर दिया गया है। इसी तरह आरोपित अंश त्रिवेदी से पूछताछ में पता चला की फरार विजय और राजू दशवंत के बीच मित्रता थी। अब तक की जांच में फरार ठेकेदार और पकड़े जा चुके आरोपितों से लिंक जुड़ती मिली है। इसी तरह राजू ने बताया था कि वह एटीएम ग्रुप में काम मांगने आया था। यहां उसको प्रतिमाह वेतन मिलता था। वर्ष २०१५-१६ में उसने चौरल में ठेका भी लिया था। वहीं, आरोपित अभिषेक शर्मा के बारे में पता चला है कि वह घोटाले के समय एटीएम ग्रुप से जुड़ा था। यहां वह अकाउंटेंट के पद पर कार्यरत था। अंश उसका रिश्तेदार है। वहीं राहुल चौकसे द्वारा भी पुलिस को कई लोगों को लाखों की चपत लगाने की बात पता चली है।
40 दिन चली जांच
40 दिन सतत चली घोटाले की जांच में मुख्य आरोपितों के गिरफ्तार होते ही थाना पुलिस एक तरफ जहां राहत की सांस ले रही है तो दूसरी तरफ पुलिस द्वारा उन ठेकेदारों से भी करोड़ों के घपले से खरीदी प्रॉपर्टी का पता लगाना चुनौती बन गया है। पुलिस अब तक घोटाले के मास्टर माइंड राजू दशवंत, अंश त्रिवेदी और सेल्समैन लवकुश को गिरफ्तार कर रिमांड पर ले चुकी है। इसमें १५ दिन राजू से १५ दिन अंश से व ५ दिन लवकुश को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा चुकी है। पूछताछ में राजू और अंश द्वारा घोटाले के समय अर्जित की गई प्रॉपर्टी की जानकारी मिली है। पुलिस इस मामले में जनवरी माह में कोर्ट में चालान प्रस्तुत करने की बात कह रही है।