सिंगापुर में विदेश सचिव, कहा- मतभेदों से विवाद न पनपने दे भारत-चीन
सिंगापुर (एएनआई)। भारत आसियान देशों के गठबंधन की 25 साल पूरे होने के अवसर पर सिंगापुर में मंगलवार को एस जयशंकर ने भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के मुद्दे को उठाया। भारत चीन सीमा पर बढ़ते तनावों के बीच विदेश सचिव ने कहा कि बीजिंग-नई दिल्ली के संबंधों का सीधा प्रभाव न केवल आसियान बल्कि पूरी दुनिया पर है। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों को अपने बीच मतभेदों को नहीं पनपने देना चाहिए जिससे विवाद पैदा हो सके।
— ANI (@ANI_news) July 11, 2017
विदेश सचिव के अनुसार, वैश्विक अनिश्चितता के मौजूदा समय में भारत-चीन रिश्ता स्थिरता का विषय है और अपने बीच के संबंध में मतभेद के कारण विवाद नहीं आने देना चाहिए। उन्होंने बताया कि पिछले माह जब दोनों देशों के नेता मिले तब उनके बीच दो बिंदुओं पर सहमति बनी थी।
भारत और चीन के बिगड़ते संबंधों के मामले में सिंगापुर में विदेश सचिव एस जयंशकर ने अपने संबोधन में कहा कि एशियाई देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंध व्यापक रूप से बढ़ते रहे हैं। भारत एवं चीन अतीत में भी सीमा विवादों से निपट चुके हैं और इस बात का कोई कारण नहीं है कि इस बार दोनों देश इससे निपट नहीं पाएंगे।
जयशंकर ने आगे कहा, ‘यह लंबी सीमा है, जैसा कि आप जानते हैं कि जमीनी स्तर पर इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। ऐसे में विवाद होना संभावित है। उन्होंने ‘भारत-आसियान एवं बदलती भूराजनीति’ विषय पर बोलते हुए सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में मुठभेड़ पर इसका उल्लेख किया।
इस इवेंट का आयोजन ली कुआन स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी एवं भारतीय उच्चायोग ने किया था। जयशंकर ने इस बात को रेखांकित किया कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पहली बार नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, ‘हम पहले भी इस प्रकार की स्थिति से निपटे हैं, इसलिए मुझे ऐसा कोई कारण नजर नहीं आता कि ऐसी स्थिति पैदा होने पर हम इससे निपट नहीं पाएंगे।‘
भूटान, भारत एवं चीन की सीमा के निकट डोकलाम में चीनी सेना के निर्माण दल ने एक सड़क बनाने की कोशिश की थी जिसके बाद करीब तीन सप्ताह से वहां भारत एवं चीन के बीच गतिरोध बना हुआ है।