Vande Mataram Controversy: शिवराज सिंह ने BJP विधायकों के साथ मंत्रालय के बाहर गाया वंदे मातरम

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) के पहले वंदे मातरम् (Vande Mataram) के गायन पर पाबंदी लगाने और फिर अपने फैसले को वापस लेने के बाद भी विवाद थमता नजर नहीं आया। मध्यप्रदेश में नवगठित पंद्रहवीं विधानसभा के पहले सत्र से पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बीजेपी विधायकों के साथ वंदे मातरम गाया।
विधानसभा सचिवालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पांच दिवसीय सत्र आज (सोमवार) से शुरू होकर शुक्रवार 11 जनवरी तक चलेगा। सत्र के पहले दिन नवनिर्वाचित विधायक शपथ ग्रहण करेंगे। दूसरे दिन मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष का निवार्चन होगा। मंगलवार को ही राज्यपाल डॉ आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण भी होगा। राज्यपाल के अभिभाषण पर 10 और 11 जनवरी को चर्चा होगी। नौ, 10 और 11 जनवरी को अन्य शासकीय कार्य भी किए जाएंगे।
क्या कहा था शिवराज सिंह चौहान ने
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा था कि अगर कांग्रेस को राष्ट्र गीत के शब्द नहीं आते हैं या फिर राष्ट्र गीत के गायन में शर्म आती है, तो मुझे बता दें! हर महीने की पहली तारीख़ को वल्लभ भवन के प्रांगण में जनता के साथ वंदे मातरम् मैं गाऊंगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शायद यह भूल गई है कि सरकारें आती है, जाती है लेकिन देश और देशभक्ति से ऊपर कुछ नहीं है। मैं मांग करता हूं कि वंदे मातरम् का गान हमेशा की तरह हर कैबिनेट की मीटिंग से पहले और हर महीने की पहली तारीख को हमेशा की तरह वल्लभ भवन के प्रांगण में हो। जय हिंद!
क्या था कमलनाथ सरकार का फैसला
कमलनाथ ने कहा था कि यह निर्णय ना किसी एजेंडे के तहत लिया गया है और ना ही हमारा वंदेमातरम गान को लेकर कोई विरोध है। उन्होंने कहा था कि वंदेमातरम हमारे दिल की गहराइयों में बसा है। हम भी समय-समय पर इसका गान करते है। उन्होंने कहा कि इसे वापस प्रारंभ करेंगे, लेकिन एक अलग रूप में। उन्होंने कहा कि हमारा यह भी मानना है कि सिर्फ एक दिन वंदेमातरम गाने से किसी की देशभक्ति या राष्ट्रीयता परिलिक्षित नहीं होती है।
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक सोमवार शाम यहां प्रदेश पार्टी कायार्लय में होगी, जिसमें केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह और डॉ विनय सहस्त्रबुद्धे भी मौजूद रहेंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार, बैठक में पार्टी विधायक दल के नेता का चयन किया जाएगा। राज्य विधानसभा में कांग्रेस के 114 और भाजपा के 109 विधायक हैं। दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव में बसपा ने दो, सपा ने एक और चार निर्दलीय विधायकों ने जीत हासिल की है