बैंकों की सेहत सुधारने के लिए सरकार का बड़ा कदम, बदले गए बड़े बैंकों के प्रमुख
अपने तरह के पहले कदम में केंद्र सरकार ने शुक्रवार को दो बड़े सरकारी बैंकों के प्रमुख बदल दिए। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि सरकार को लग रहा था कि ये अधिकारी अपने बैंकों को सेहत सुधारने की पर्याप्त कोशिशें नहीं कर रहे थे। इसके अलावा सरकार ने बैड लोन के भार से जूझ रहे कुछ सरकारी बैंकों में पांच नए एमडी और चीफ एग्जिक्युटिव अधिकारी भी अपॉइंट किए हैं। सरकार की ओर से यह आदेश राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा बैड लोन (NPA) के बोझ को काबू में करने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दिए जाने के कुछ ही देर बाद आया।
सरकारी बैंकों के प्रबंधन में सुधार की प्रक्रिया के तहत सरकार ने पंजाब नैशनल बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ ऊषा अनंथासुब्रमण्यन को उनके पद से हटाकर इलाहाबाद बैंक भेज दिया है। इसी तरह, बैंक ऑफ इंडिया के प्रमुख मेलविन रेगो को सिंडिकेट बैंक शिफ्ट कर दिया गया है। पिछले महीने IDBI बैंक के एमडी और सीईओ केपी खरत को इंडियन बैंक भेजकर उनकी जगह एमके जैन को लाया गया था। यह तीन बैंक उन पांच ‘बड़े बैंकों’ में से एक हैं जहां प्राइवेट सेक्टर के बैंकरों को भी ‘इंद्रधनुष’ योजना के तहत अप्लाई करने के लिए आमंत्रित किया गया था। इंद्रधनुष योजना की शुरुआत दो साल पहले की गई थी, जिसके तहत सरकारी बैंकों में सुधार की प्रक्रिया शुरू की गई थी।