डायरेक्टर को हेमा में नहीं नजर आई थी स्टार अपील, ऐसे बनीं ड्रीम गर्ल

बॉलीवुड में कई हसीन अदाकाराएं आईं और गईं लेकिन कोई भी आजतक ड्रीम गर्ल की जगह नहीं ले सकीं. 16 अक्टूबर को हेमा मालिनी 68 साल की हो जाएंगी. जिंदगी के इस पड़ाव पर पहुंचने पर भी उनका स्टारडम कम नजर नहीं आता नहीं तो कई उनके दौर की ऐसी कई अदाकाराएं हैं जो गुमनाम हो गई हैं. लेकिन हेमा मालिनी के लिए भी इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं था. करियर के शुरुआती दौर में ही डायरेक्टर ने हेमा मालिनी को ये कहकर रिजेक्ट कर दिया था कि उनके चेहरे में किसी भी तरह की स्टार अपील नहीं है. आइए जानें कैसा था हेमा मालिनी का प्रफेशनल सफर.

हेमा मालिनी के 69वें जन्मदिन के मौके पर बॉलीवुड जर्नलिस्ट और क्र‍िटिक राम कमल मुखर्जी हेमा मालिनी की ऑटो बायोग्राफी रिलीज करने जा रहे हैं. हेमा मालिनी ने इस किताब में छपी कुछ बातों को किताब के कवर की तस्वीर के साथ शेयर किया है. इस पोस्ट में हेमा मालिनी के इंडस्ट्री में कदम रखने को लेकर कुछ जानकारी भी शेयर की गई है, जिसमें बताया गया है कि हेमा मालिनी ने अपने एक्टिंग करि‍यर की शुरुआत तमिल फिल्म से की थी. इस फिल्म में हेमा मालिनी ने जय ललिता संग डेब्यू किया था. बता दें कि Hema malini ‘Beyond The Dream Girl’ नाम की इस किताब को सोमवार को एक्ट्रेस के बर्थडे पर लान्च किया जाएगा.

बॉलीवुड की यह अभिनेत्री भरत्नाट्यम की एक बेहतरीन नृत्यांगना है. हेमा मालिनी का जन्म तमिलनाडु के अम्मानकुडी नामक स्थान में 16 अक्टूबर 1948 को हुआ था. उनकी शिक्षा-दीक्षा आंध्र महिला सभा, चेन्नई में हुई. हेमामालिनी का बचपन तमिलनाडु के विभिन्न शहरों में बीता. हेमा के पिता वी एस आर चक्रवर्ती तमिल फिल्मों के निर्माता थे.

हेमा को तमिल फिल्मों के डायरेक्टर श्रीधर ने 1964 में यह कह रिजेक्ट कर दिया था कि उनके चेहरे में कोई स्टार अपील नहीं है. परंतु बालीवुड में वह ड्रीम गर्ल के रूप में खुद को स्थापित करने में सफल रहीं.

हेमा मालिनी ने हिन्दी फिल्मों में ‘सपनों का सौदागर’ (सन्‌ 1968), से पदार्पण किया.

हेमा मालिनी को पहली सफलता ‘जॉनी मेरा नाम’ (1970), से मिली. उन्हें पहला बड़ा ब्रेक रमेश स‍िप्पी की फिल्म ‘अंदाज'(1971), में मिली.

हेमा मालिनी सन्‌ 1972 में ‘सीता और गीता’ में किये गये किरदार व सहज अभिनय सोहरत के बुलंदियों पर पहुंची. ‘प्रेम नगर, अमीर-गरीब’ (1974), ‘सन्यासी, धर्मात्मा, खुशबू और प्रतिज्ञा जैसी फिल्मों (1975) में प्रदर्शित हुये. अपने फिल्‍मी करियर में हेमा मालिनी ने अमिताभ, राजेश खन्ना, जितेंद्र, संजीव कुमार के साथ-साथ और भी कई अभिनेताओं के साथ काम किया. जितेंद्र हेमा के हमउम्र थे.

1975 की मेगा हिट फिल्म ‘शोले’ में अपनी अल्हड़ अंदाज और संवादों के कारण हेमा मालिनी लोगों के जुबान पर चढ़ गयी. आज भी सिने प्रेमी उस अंदाज और संवाद की चर्चा करते हैं.

हेमा मालिनी ने धमेंद्र के साथ क़रीब 25 फ़िल्में साथ कीं और लगभग सभी हिट हुईं. हेमा मालिनी ने 1980 में अभिनेता धर्मेंद्र से शादी की और उनकी दो बेटियां ईशा एवं आहना हुई.

1977 में हेमा मालिनी की मां ने हेमा मालिनी को लेकर ‘ड्रीम गर्ल’ नाम से एक फ़िल्म भी बनाई थी.

फिल्‍मों में हेमा मालिनी को ब्रेक देने वाले पहले फिल्‍म निर्माता थे अनंत स्‍वामी. उन्‍होंने हेमा मालिनी को अपनी फिल्‍म ‘सपनों का सौदागर’ में नायिका का रोल दिया था जिसमें पर्दे पर वह राज कपूर के साथ नजर आई थीं. फिल्‍म ‘सपनों का सौदागर’ में के निर्देशक थें महेश कौल. फिल्‍म ‘सपनों का सौदागर’ में काम करते समय हेमा मालिनी की उम्र सिर्फ़ 16 साल की थी.

राज कपूर ऐसे पहले शख्‍स थे जिन्‍होंने हेमा मालिनी का स्‍क्रीन टेस्‍ट लिया था. खुद हेमा मालिनी का भी मानना है कि आज वह जो भी है राज कपूर की बदौलत है. राज कपूर के साथ काम करने के बाद हेमा मालिनी को देवानंद के साथ फिल्‍म ‘जॉनी मेरा नाम’ में काम करने का मौका मिला. यह फ़िल्म बहुत बड़ी हिट साबित हुई. इस फ़िल्म के निर्देशक विजय आनंद थे और एक-एक गाना बहुत खूबसूरती के साथ फ़िल्माया गया था.