अमेरिका के आगे झुका चीन! मान लीं सभी शर्तें, अब दुनिया पर होगा ये असर

दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्‍थाओं के बीच जारी नई जमाने की जंग ट्रेड वॉर अब खत्म होने की ओर है. दोनों देशों ने एक समझौता किया है. इसके तहत चीन अब अमेरिका से आयात बढ़ाएगा. मतलब साफ है कि चीन, अमेरिका के आगे झुक गया है. इस फैसले के बाद कंपनियों ने राहत की सांस ली है, क्योंकि ट्रेड वॉर से दुनियाभर के बड़े देश अपनी कंपनियों के हित में कदम उठाने लगे थे. ऐसे में बेरोजगारी बढ़ने की आशंका बढ़ गई थी. अगली स्लाइड में जानिए क्या है चीन का नया फैसला…

चीन की तरफ से अमेरिका की शर्त मान लेने के बाद दोनों देशों के बीच शुरू होने वाला ट्रेड वॉर फिलहाल टल गया है. चीन ने अमेरिका के अागे झुकते हुए ट्रेड डेफिसिट घटाने के लिए अमेरिका से आयात बढ़ाने की सहमति दे दी है. चीन इस ट्रेड डेफिसिट को घटाकर 375 मिलियन डालर पर लाएगा. दोनों देश ने कहा है कि पेटेंट कानून संरक्षण को काफी अहमियत देते हैं और दोनों के बीच इस मामले में सहयोग को बढ़ावा देने पर सहमति भी बनी है. अगली स्लाइड में जानिए आखिर कैसे चीन ने मानी बात…

बातचीत के बाद चीन माना- इस संबंध में अमेरिका में हो रही दूसरे दौर की वार्ता के बाद दोनाें देशों की तरफ से एक संयुक्‍त बयान जारी किया गया है, जिसमें बताया गया है कि दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि ट्रेड वार को नहीं बढ़ाएंगे. वहीं ट्रेड डेफिसिट घटाने के लिए चीन अमेरिका से अायात के लिए तैयार है.अगली स्लाइड में जानिए कैसे हुआ ये फैसला…

चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व शी के विशेष दूत और उपराष्ट्रपति लियू ही ने किया. अमेरिकी अधिकारियों में वित्त सचिव स्टीवन म्नूचिन, वाणिज्य सचिव विल्बर रॉस और व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइथाइजर शामिल थे. अमेरिका ने चीन को धमकी देते हुए कहा था कि वह ट्रेड डेफिसिट को 100 बिलियन डालर का ट्रेड डेफिसिट को एक महीने के अंदर घटाए और 2020 तक 200 बिलियन डालर का ट्रेड डेफिसिट घटाए. अमेरिका ने कहा था कि अगर ऐसा नहीं होता है तो चीन के खिलाफ और कड़े कदम उठाए जाएंगे.अगली स्लाइड में जानिए अब क्या करेगा चीन-

आयात बढ़ाएगा चीन- चीन की समाचार एजेंसी सिन्‍हुआ के अनुसार, चीन लोगों के उपभोग की जरूरतों को पूरा करने और चीन के उच्च गुणवत्ता वाले आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी सामान और सेवा की खरीद में काफी वृद्धि करेगा, जिससे अमेरिकी आर्थिक विकास और रोजगार को बढ़ावा मिलने में भी मदद मिलेगी. दोनों देशों ने अमेरिकी कृषि और ऊर्जा उत्पादों के निर्यात को रूप से बढ़ाने पर सहमति जताई. इस सबंध में आगे की वार्ता के लिए अमेरिका अपना एक प्रतिनिधिमंडल चीन भेजेगा.