जीएसटी की दरों में बदलाव से सरकार को लगेगा 100 करोड़ का झटका

रायपुर। निर्माण कार्यों में जीएसटी की दर बदलने से छत्तीसगढ़ सरकार को 100 करोड़ का झटका लग सकता है। राज्य में पीएमजीएसवाय की सड़कों का इसी अवधि के दौरान करीब 1600 करोड़ का टेंडर हुआ है। अब टैक्स की दर बदलने के बाद पुराने रेट पर भुगतान होगा तो ठेकेदारों को इसका फायदा मिलेगा।

दरअसल जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी लागू होने के वक्त निर्माण कार्याें यानी ठेके आदि में जीएसटी की दर 18 प्रतिशत निर्धारित की थी। 5 अगस्त 2017 को जीएसटी काउंसिल की बैठक में निर्माण कार्यों पर जीएसटी की दर घटा दी गई। इसे 12 प्रतिशत के स्लैब में लाया गया।

1 जुलाई से 5 अगस्त के बीच जो सरकारी ठेके हुए हैं उनकी दर जीएसटी जोड़कर निर्धारित की गई थी। यानी ऑफसेट रेट में 18 प्रतिशत और जोड़कर दर निर्धारण हुआ। इसी आधार पर टेंडर जारी किए गए। बाद में जीएसटी की दर कम होने से इसका फायदा सीधे ठेकेदारों को मिलने की संभावना जताई जा रही है।

ज्ञात हो कि जीएसटी के रेट में परिवर्तन होने के बाद मध्यप्रदेश सरकार के लोक निर्माण विभाग ने 16 अगस्त को एक आदेश जारी किया जिसमें कहा है कि जीएसटी की दर 18 से घटकर 12 प्रतिशत हो गई है इसलिए 1 जुलाई से 5 अगस्त के बीच प्राप्त वित्तीय निविदाओं को निरस्त कर दिया जाए।

इस तरह की कोई कार्रवाई छत्तीसगढ़ में नहीं की गई है। जीएसटी काउंसिल में शामिल मंत्री अमर अग्रवाल कह रहे यह तथ्य अभी देखा नहीं गया है। हालांकि आरोप लग रहे कि प्रदेश में सिर्फ प्रधानमंत्री सड़क योजना में ही दर बदलने से करीब 100 करोड़ का फायदा ठेकेदारों को मिल जाएगा।

यह भी आरोप है कि यहां जानबूझकर इस ओर से अफसरों ने आंख मूंद रखी है। जीएसटी लागू होने के बाद 5 अगस्त तक पीएमजीएसवाय सड़कों का प्रदेश में करीब 1600 करोड़ का ठेका हुआ है। इसमें 6 प्रतिशत का अंतर आने से करीब 100 करोड़ अतिरिक्त पेमेंट ठेकेदारों के खाते में चला जाएगा। इस बारे में पीएमजीएसवाय के सीईओ राकेश चतुर्वेदी से बात करने की कोशिश भी की गई लेकिन बात नहीं हो पाई।