इंदौर की रेल सुविधाओं पर तीन माह बाद भी नए रेल मंत्री का ध्यान नहीं

इंदौर। मालवा और खासतौर से इंदौर क्षेत्र की रेल समस्याओं पर अभी तक नए रेल मंत्री पीयूष गोयल का ध्यान नहीं गया है। इसी कारण इंदौर की नई रेल सुविधाओं से संबंधित कई प्रस्ताव फाइलों में ही हैं। यह स्थिति तब है जब इंदौर लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन का संसदीय क्षेत्र है और वे पहले ही यहां की रेल सुविधाओं को लेकर चिंतित रहती हैं।

गोयल को रेल मंत्री बने करीब तीन महीने बीत गए। इस बीच उन्होंने महाजन से सौजन्य मुलाकात तो की, लेकिन मालवा-निमाड़ की रेल समस्याओं को लेकर उन्होंने एक भी बैठक नहीं की। रेल बजट से संबंधित प्रावधानों को लेकर अहम फैसले अक्टूबर से दिसंबर तक ही लिए जाते हैं।

इंदौर संबंधी समस्याओं पर चिंतन नहीं होने से रेल परियोजनाओं के लिए होने वाले बजट आवंटन पर इसका असर पड़ सकता है। इंदौर से नई ट्रेन चलाने, वर्तमान ट्रेनों का विस्तार या उनके चलने के दिन बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव भी लंबित हैं। इंदौर स्टेशन और आईलैंड प्लेटफॉर्म पर नई सुविधाएं जुटाने, इंदौर के पास एमआर-10 व मांगलिया में नया रेलवे स्टेशन बनाने, लक्ष्मीबाई नगर समेत अन्य सब स्टेशनों पर सुविधाएं बढ़ाने को लेकर भी कई अहम फैसले होना हैं।

इंदौर को चाहिए ये नई ट्रेनें

इंदौर-जगन्नाथपुरी वाया रायपुर

इंदौर की उड़ीसा से अब तक कोई ट्रेन कनेक्टिविटी नहीं है। इस कमी को इंदौर-जगन्नााथपुरी ट्रेन के रूप में पूरा किया जा सकता है। वाया रायपुर सप्ताह में एक या दो दिन प्रायोगिक रूप से ट्रेन चलने से लोगों को राहत मिलेगी क्योंकि उड़ीसा के साथ छत्तीसगढ़ से भी सीधा कनेक्शन जुड़ेगा।

इंदौर-दिल्ली वाया फतेहाबाद

इंदौर-दिल्ली सराय रोहिल्ला के बीच नई ट्रेन फतेहाबाद होकर चलाई जा सकती है। इस रूट पर स्पेशल ट्रेन चलाई गई हैं, जिन्हें अच्छा ट्रैफिक मिला है। स्थायी रूप से ट्रेन चलेगी तो रेलवे को भी फायदा होगा।

इंदौर-भोपाल नॉन स्टॉप इंटरसिटी

रेलवे ने इंदौर-भोपाल डबल डेकर इस आश्वासन के साथ बंद की थी कि इसके बदले इंदौर-भोपाल के बीच नई ट्रेन चलाई जाएगी, लेकिन अधिकारी भूल गए। लोकसभा स्पीकर ने इंदौर-भोपाल के बीच नॉन स्टॉप इंटरसिटी प्रस्तावित की है, जो सुबह भोपाल से निकले और मक्सी-देवास होते हुए इंदौर आए। इंदौर से शाम को चलकर यह ट्रेन रात तक भोपाल पहुंचे।

इंदौर-बीकानेर वाया फतेहाबाद

इंदौर-बीकानेर के बीच फतेहाबाद होकर नई ट्रेन चलाने का प्रस्ताव भी रेल मंत्रालय के पास विचाराधीन है। इस ट्रेन से राजस्थान आने-जाने वाले यात्रियों को राहत मिलेगी।

इंदौर-मुंबई सुपरफास्ट ट्रेन

इंदौर-मुंबई के बीच अभी अवंतिका एक्सप्रेस प्रतिदिन और सप्ताह में दो दिन दुरंतो एक्सप्रेस चलती है। अवंतिका के स्टॉपेज बहुत ज्यादा हैं, जबकि दुरंतो का समय यात्रियों के लिहाज से ज्यादा सुविधाजनक नहीं है। इसी कारण इंदौर-मुंबई के बीच सुपरफास्ट श्रेणी की एक अतिरिक्त ट्रेन की जरूरत है।

इन ट्रेनों में जरूरी है सुधार

-इंदौर-पुणे एक्सप्रेस अभी सप्ताह में दो दिन पनवेल होकर पुणे जाती है। बोर्ड को प्रस्ताव भेजा जा चुका है कि पुणे एक्सप्रेस को सातों दिन कल्याण होकर चलाया जाए।

-सप्ताह में तीन दिन चलने वाली इंदौर-हावड़ा शिप्रा एक्सप्रेस, साप्ताहिक इंदौर-गुवाहाटी एक्सप्रेस और इंदौर-कोंचुवेली एक्सप्रेस में यात्रियों के बढ़ते दबाव के कारण अब तीनों ट्रेनों के चलने के दिन बढ़ाना जरूरी है।

इन आधारभूत सुविधाओं को मंजूरी का इंतजार

-इंदौर स्टेशन का विकास, मांगलिया स्टेशन की शिफ्टिंग जैसे विषयों को लेकर अब तक मैदानी स्तर पर कुछ नहीं हुआ है।

-एमआर-10 ब्रिज के पास कुमेड़ी में रेलवे ने नए स्टेशन निर्माण की मंजूरी दी है। रेलवे अभी से इसे बड़े सबअर्बन स्टेशन के रूप में विकसित करे तो पांच-छह साल में शहर को बड़ी सुविधा मिल सकती है। इंदौर-दाहोद, छोटा उदयपुर-धार, इंदौर-मनमाड़ और इंदौर-जबलपुर रेल परियोजना पूरी होने पर नया स्टेशन इंदौर के मुख्य स्टेशन का दबाव कम करने में काफी कारगर साबित होगा।

-इंदौर से आगे राऊ-महू के बीच दोहरी लाइन जरूरी है। इसी तरह इंदौर-फतेहाबाद-रतलाम रेल लाइन को भविष्य के हिसाब से अभी दोहरीकृत होना चाहिए। इस दिशा में मंत्री हामी भर दें तो आगामी रेल बजट में दोनों योजनाएं शामिल की जा सकती हैं।

-राऊ स्टेशन के आसपास माल लदान के लिए गुड्स शेड बनना जरूरी है। यह स्टेशन इंदौर-दाहोद और इंदौर-खंडवा लाइन का जंक्शन होगा। राऊ स्टेशन के विकास के लिए भी योजना बनाना जरूरी है।