पीएससी की अनुमति के बिना कार्रवाई अनुचित : हाईकोर्ट

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने लोक सेवा आयोग (पीएससी) की अनुमति के बिना रेंजर की दो वेतनवृद्धि रोके जाने और वसूली निकाले जाने पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति वंदना कासरेकर की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
इस दौरान याचिकाकर्ता छतरपुर निवासी फारेस्ट रेंजर सुनील कुमार जैन की ओर से अधिवक्ता डीके त्रिपाठी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि जिस कर्मी की नियुक्ति राज्य करता है, उसे सजा के प्रश्न पर राज्य को पूरा अधिकार है, लेकिन पीएससी की अनुमति अनिवार्य है।
इस मामले में ऐसा नहीं किया गया। जब मामला हाईकोर्ट आया तो पूर्व में अपने कथन में असत्य का सहारा लिया गया। जब पोल खुल गई तो क्षमा चाही गई। लिहाजा, पीएससी के अनुमति के बिना सजा को रोका जाना न्यायहित का तकाजा है। हाईकोर्ट ने सभी बिंदुओं पर गौर करने के बाद याचिकाकर्ता के हक में आदेश पारित कर दिया।