नक्सलियों का दावा, 62 जवानों की हत्या कर लूटे 35 हथियार

बीजापुर। माओवादियों के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो ने प्रेस नोट जारी कर इस बात का खुलासा किया है कि सुरक्षाबलों द्वारा चलाए गए मिशन 2017 के दौरान उनके कुल 155 साथी मारे गए हैं, जिनमें सिर्फ दंडकारण्य के ही 115 और सब जोनल ब्यूरो के 45 माओवादी नेता व साथी शामिल हैं।

माओवादियों ने यह दावा भी किया है कि इस दौरान उन्होंने 62 जवानों की हत्या व 68 जवानों को घायल कर 35 आधुनिक हथियार और करीब 3500 कारतूस बरामद किए हैं।

पुलिस के लिए मुखबिरी करने वाले 20 लोगों का सफाया करने की बात भी पत्र में लिखी है। पर्चे में माओवादियों ने 2 से 8 दिसंबर तक पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) स्थापना सप्ताह गाँव गाँव में मनाने का जिक्र किया है।

14 नवंबर को माओवादियों के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि सरकार द्वारा माओवादी अभियान को कुचलने चलाए गए मिशन 2017 को हराने के लिए लड़ते हुए इस वर्ष करीब 155 माओवादी नेता और साथी मारे गए हैं।

इनमें केंद्रीय कमेटी के सदस्य नारायण सान्याल, कुप्पु देवाराज,राज्य कमेटी के रघुनाथ महतो, हिमाद्रि राय व अजिता शामिल हैं। इस मिशन के दौरान दंडकारण्य के 115 और दक्षिण सब जोनल के 45 माओवादी मारे गए हैं, जिसमें डिवीजनल व प्लाटून स्तर के भीमा, विज्जे, अनिल, रवि व लखु जैसे कमांडर शामिल हैं।

माओवादियों ने दावा किया है कि इस वर्ष टीसीओसी (टैक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैम्पेन) प्रतिरोध कार्यवाही में उनके पीएलजीए की टीम ने दक्षिण सब जोनल ब्यूरो के तहत 62 जवानों की हत्या की, 68 जवानों को घायल किया और 35 हथियार लूटे हैं।

20 मुखबिरों की हत्या भी की है। माओवादियों ने राज्य सरकार पर निशाना साधते कहा है कि रमन सिंह सरकार एक ओर संवाद की बात करते हुए बोली गोली एक साथ चलाने की बात कर रही है और दूसरी ओर ऑपरेशन प्रहार-2 के नाम से लगातार गाँवों में हमला किया जा रहा हैं।

111 किसानों ने की आत्महत्या

माओवादियों ने सोशल पुलिसिंग के नाम पर पुलिस द्वारा चलाए जा रहे आमचो बस्तर आमचो पुलिस,सिविक एक्शन,तेदामुन्ता बस्तर व संपर्क अभियान को सरकार का स्वांग बताते जनता के साथ संबंध बढ़ाने का नाटक रचने का आरोप लगाया है।

वहीं बोनस तिहार को सरकार की नौटंकी बताते माओवादियों ने कहा है कि सरकार लोगों की समस्याओं को हल करने में कोई ध्यान नहीं दे रही है। राज्य में पिछले डेढ़ वर्षो में 111 किसानों ने आत्महत्या की है।

धान का समर्थन मूल्य न बढ़ाकर बोनस तिहार के नाम से नौटंकी की जा रही है और अब तेंदूपत्ता बोनस तिहार आयोजन की योजना बनाकर जनता को गुमराह किया जा रहा है।