कड़कड़ाती सर्दी में जल सत्याग्रह कर रहे दिव्यांग, जानें क्यों ?

भोपाल। एक तरफ दिव्यांगता और दूसरी तरफ सरकार की बेरूखी से परेशान प्रदेश के नेत्रहीन दिव्यागों ने अपनी 23 सूत्रीय मांगों को लेकर राजधानी में जल सत्याग्रह शुरू कर दिया है। ताकि सरकार उनकी मांगों पर अमल करे।
दिसंबर की कड़कड़ाती सर्दी में नेत्रहीन दिव्यांग नीलम पार्क के पास स्थित तालाब के बीच खड़े होकर अपनी मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित कराना चाह रहे हैं। हालांकि दिव्यांगों की बात सुनने के लिए एडीएम मौके पर पहुंचे, लेकिन वो बिना किसी आश्वासन के दिव्यांगों को आंदोलन खत्म करने के लिए कह रहे हैं। वहीं दूसरी ओर दिव्यांग 18 दिसंबर से अपनी मांगों को लेकर सत्याग्रह कर रहे थे, जब उनकी नहीं सुनी गयी तो कंपकंपाती सर्दी के मौसम में दिव्यांगों ने जल सत्याग्रह शुरू कर दिया है।
दरअसल, अपनी 23 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से आए नेत्रहीन दिव्यांग राजधानी के नीलम पार्क पर सत्याग्रह आंदोलन कर रहे थे। जब उनकी मांगों को लेकर सरकार का संवेदनशील रूख नजर नहीं आया तो नेत्रहीन दिव्यांगों ने आज सुबह से जल सत्याग्रह शुरू कर दिया। प्रदेश भर के करीब 200 नेत्रहीन दिव्यांग इस आंदोलन में शामिल हैं। 18 दिसम्बर से चल रहे इस आंदोलन पर सरकार ने न तो ध्यान दिया और न ही कोई आश्वासन।
नेत्रहीनों का आरोप है कि करीब एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी प्रशासन या सरकार का कोई नुमांइदा उनकी खोज खबर लेने नहीं पहुंचा। अपनी मांगों को लेकर वो पहले कई स्तर पर आवेदन निवेदन कर चुके हैं, लेकिन जब उनकी नहीं सुनी गयी, तब उन्हें मजबूरन ये फैसला लेना पड़ा।
नेत्रहीन दिव्यांगों का आरोप है कि उनकी 23 सूत्रीय मांगों पर बात करने को कोई तैयार नहीं है, बल्कि एडीएम और स्थानीय थाना प्रभारी के जरिए उन पर आंदोलन खत्म करने का दबाव बनाया जा रहा है। हालांकि जब नेत्रहीन दिव्यांगों ने जल सत्याग्रह शुरू कर दिया, तब जाकर प्रशासन की नींद खुली और अधिकारी उन्हें मनाने के लिए पहुंचे हैं। पर दिव्यांग अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।
नेत्रहीन दिव्यांगों की 23 सूत्रीय मांगों में से कुछ प्रमुख मांगे हैं, जिनमें उचित शिक्षा, रोजागर, नेत्रहीन दिव्यांग छात्राओं के लिए स्कूल, उच्च शिक्षा के लिए शासकीय छात्रावास, दिव्यागों के स्पेशल स्कूल के शिक्षकों के पद भरने, नेत्रहीनों के लिए कम्प्यूटर शिक्षा, बेरोजगारी भत्ता, पेंशन की राशि बढ़ाए जाने, दिव्यागों के खाली पद भरे जाने जैसी मांगे शामिल हैं।