EC ने बजा दिया कर्नाटक में चुनावी बिगुल, पढ़ें PC की खास बातें

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है। नई सरकार के गठन के लिए 12 मई को मतदान होगा और वोटों की गिनती 15 मई को होगी। 17 अप्रैल को अधिसूचना जारी की जाएगी। चुनाव आयोग के अनुसार, 24 अप्रैल तक नामांकन भरे जाएंगे। इसके बाद 25 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी, जिसके बाद 27 अप्रैल तक उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकेंगे।
चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस की खास बातें
रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर पर बैन लगा दिया गया है
उम्मीदवारों के चुनावी खर्च पर चुनाव आयोग की होगी विशेष नजर
बिना दस्तावेज के बड़ी रकम जब्त कर ली जाएगी
उम्मीदवार 28 लाख रुपए तक खर्च कर सकते हैं
मीडिया की मॉनिटरिंग की जाएगी। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर विज्ञापनों पर भी नजर रखी जाएगी
27 अप्रैल को नाम वापस लेने की अंतिम तारीख
25 अप्रैल की नामांकन की जांच होगी
17 अप्रैल को जारी होगी अधिसूचना
कर्नाटक में एक ही चरण में होंगे विधानसभा चुनाव
15 मई को आएंगे नतीजे
कर्नाटक में 12 मई को होगा मतदान
कर्नाटक में केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती होगी
कर्नाटक में आचार संहिता लागू हुई
28 मई से पहले सारी प्रक्रियाएं पूरी होंगी
56 हजार पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे
EVM के VVPAT का होगा इस्तेमाल
दिव्यांगों के लिए मतदान केंद्रों पर खास इंतजाम
कर्नाटक में 4 लाख 96 हजार वोटर हैं
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को खाप पंचायतों को बड़ा झटका दिया। सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए अपने आदेश में कहा कि दो वयस्क यदि अपने मर्जी से शादी करते हैं तो खाप पंचायतें या कोई तीसरा पक्ष उसमें दखल नहीं दे सकता। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि दो वयस्क अपनी मर्जी से शादी करते हैं और कोई सभा उस विवाह को बिगाड़ने की कोशिश करती है तो उसे अवैध माना जाएगा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने ऑनर किलिंग के नाम पर कानून अपने हाथ में लेने वाला खाप पंचायतों पर कड़ी टिप्पणी की थी। साथ ही शीर्ष अदालत ने केंद्र से ऐसे जोड़ों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने का आदेश दिया था। उस वक्त अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने ‘खापों’ से यह भी कहा था कि वे ‘खुद को जमीर का रखवाला’ घोषित नहीं कर सकते जबकि देश में कानून और ऐसे मामलों को देखने के लिए अदालते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि यदि दो वयस्क शादी करते हैं तो उनके विवाह के बारे में कानून के तहत ही फैसला हो सकता है और खाप शादी-शुदा जोड़ों के खिलाफ हिंसा का सहारा नहीं ले सकते।