अंडमान और निकोबार द्वीप समूह लोकसभा सीट: यहां सिर्फ विष्णु पद राय से मात खाई कांग्रेस

लोकसभा चुनाव को लेकर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी सियासत तेज हो गई है. 572 टापुओं में बसा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह एक केंद्र शासित प्रदेश है. बंगाल की खाड़ी के दक्षिण में हिंद महासागर में स्थित यह केंद्र शासित प्रदेश सिर्फ राजनीतिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक नजरिए से भी काफी अहम है. यहां पर लोकसभा की एक सीट है, जिस पर फिलहाल भारतीय जनता पार्टी (BJP) का कब्जा है.

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह 3 जिलों से मिलकर बना है, जिसमें साउथ अंडमान, नॉर्थ मिडल अंडमान और निकोबार जिले आते हैं. यहां की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में सेलुलर जेल है, जहां पर ब्रिटिश शासनकाल में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को कैद रखा जाता था. इस जेल में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों पर बर्बरता और क्रूरता की जाती थी, जिसके साक्ष्य आज भी मौजूद हैं. ब्रिटिशकाल में जिसको काला पानी की सजा सुनाई जाती थी, उसको इसी सेलुलर जेल में रखा जाता था. यहां के लोगों की आजीविका मत्स्य पालन और पर्यटन पर निर्भर है. इसके अलावा यहां पर धान की खेती भी की जाती है.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह लोकसभा सीट पर पहली बार 1967 में चुनाव हुए, जिसमें कांग्रेस पार्टी को जीत मिली. इस सीट को कांग्रेस पार्टी का गढ़ माना जाता है, लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी भी यहां मजबूत पार्टी बन चुकी है. यहां पर अभी तक 13 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं, जिनमें से 10 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. इस सीट पर मनोरंजन भक्त सबसे ज्यादा बार चुनाव जीते. यहां से वो कांग्रेस पार्टी के टिकट से आठ बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. यहां पर उनका अच्छा खासा प्रभाव है.

मनोरंजन भक्त ने पहली बार साल 1977 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी. लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर मनोरंजन भक्त ने कुछ वर्षों पहले कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और तृणमूल कांग्रेस ज्वाइन कर लिया था. वर्तमान में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सीट से भारतीय जनता पार्टी के विष्णु पद राय सांसद हैं. साल 2014 में उन्होंने तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीता.

इससे पहले वो साल 2009 और साल 1999 में यहां से जीत चुके हैं. साल 2004 के लोकसभा चुनाव में विष्णु पद राय को मनोरंजन भक्त के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. लोकसभा की इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी का ही दबदबा है. इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस और सीपीएम की भी यहां पर मौजूदगी है.

सामाजिक तानाबाना

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में साल 1967 तक लोकसभा के सदस्य को जनता नहीं चुनती थी, बल्कि राष्ट्रपति सीधे तौर पर नियुक्त किया करते थे. यहां पर पहली बार साल 1967 में लोकसभा चुनाव हुए और यह सिलसिला अब तक जारी है. वर्तमान में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस का दबदबा है. हालांकि पहले यहां पर कांग्रेस का एकछत्र राज था. इस सीट पर अभी तक सिर्फ कांग्रेस और बीजेपी ने ही जीत दर्ज की है. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां से तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी मैदान में उतरी थी.

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह लोकसभा सीट में वोटरों की संख्या 2 लाख 69 हजार 360 है. यह एक केंद्र शासित प्रदेश है, जिसके चलते यहां पर विधानसभा नहीं है और केंद्र सरकार अपने प्रशासक या उपराज्यपाल के जरिए प्रशासन करती है. वर्तमान समय में एडमिरल डीके जोशी यहां के उपराज्यपाल है. यहां की अर्थव्यवस्था मत्स्य पालन और पर्यटन पर निर्भर है. इसके अलावा यहां पर धान की खेती भी की जाती है. अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर स्थित फिशरीज म्यूजियम नेशनल मेमोरियल और एंथ्रोपॉलजिकल म्यूजियम पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं.

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हर साल काफी संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. 572 टापू में बसे अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सिर्फ 38 टापू ही ऐसे हैं, जहां पर लोग स्थायी रूप से रहते हैं. यहां पर बंगाली, हिंदी, तमिल, मलयालम, तेलुगू, निकोबारी और अंग्रेजी भाषा बोली जाती है.

साल 2014 में किसको मिला जनादेश?

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सीट से बीजेपी के विष्णु पद राय ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने अपने करीबी प्रतिद्वंदी और कांग्रेस प्रत्याशी कुलदीप राय शर्मा को 7 हजार 812 वोटों से मात दी थी. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी विष्णु पद राय को 90 हजार 969 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी कुलदीप राय शर्मा को 83 हजार 157 वोट मिले थे. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर एक लाख 90 हजार 346 वोट पड़े थे और 70.67 फीसदी मतदान रहा. इस चुनाव में विष्णु पद को 47.79 फीसदी वोट मिले थे, जबकि कुलदीप राय शर्मा को 44.05 फीसदी वोट मिले थे. साल 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट से दो महिला प्रत्याशी समेत 15 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे, जिसमें से 13 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी.

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह लोकसभा सीट से विष्णु पद राय तीसरी बार सांसद चुने गए हैं. इससे पहले साल 2009 और साल 1999 के लोकसभा चुनाव में विष्णु पद राय ने यहां से जीत दर्ज की थी. उन्होंने साल 1999 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता मनोरंजन भक्त को हराया था. मनोरंजन भक्त यहां से आठ बार सांसद चुने जा चुके हैं. 1977 से 1999 तक तो उन्होंने लगातार जीत दर्ज की थी. वो विष्णु पद राय को इस सीट पर कई बार हरा चुके हैं.

विष्णु पद राय के 5 साल का रिपोर्ट कार्ड

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह लोकसभा सीट से सांसद विष्णु पद राय का जन्म पश्चिम बंगाल के परगना जिले के नालंदा में 19 जून 1950 को हुआ था. उन्होंने कोलकाता के आनंद मोहन कॉलेज से बीकॉम ऑनर्स की डिग्री हासिल की. वो एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जिनकी क्रिकेट में दिलचस्पी हैं.

विष्णु पद राय ने अपने संसदीय क्षेत्र में संसद निधि से 22 करोड़ 35 लाख रुपये विकास कार्यों के लिए खर्च किया, जो संसद निधि के कोटे का 89.4 फीसदी है. वो संसद में 320 दिन चली कार्यवाही में से 279 दिन मौजूद रहे. इस दौरान उन्होंने संसद में 100 सवाल पूछे और 32 बहसों में हिस्सा लिया.

अंडमान निकोबार द्वीप समूह के 3 टापुओं का नाम बदला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 दिसंबर 2018 को अंडमान निकोबार दीप समूह का दौरा किया था. उनका यह दौरा सुभाष चंद्र बोस द्वारा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पहली बार साल 1943 में तिरंगा फहराने के 75 साल पूरे होने पर सामने आया था.

इस दौरान पीएम मोदी पोर्ट ब्लेयर स्थित जेल भी गए थे और 50 बेड के एक हॉस्पिटल बनाने की घोषणा की थी. इस बीच उन्होंने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तीन द्वीप के नाम भी बदल दिए थे. पीएम मोदी ने रॉस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप, नील द्वीप का नाम बदलकर शहीद द्वीप और हैवलॉक द्वीप का नाम बदलकर स्वराज द्वीप रख दिया था.

साल 2004 में सुनामी ने मचाई थी भारी तबाही

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सुनामी और भूकंप का काफी खतरा बना रहता है. साल 2004 में सुनामी ने यहां जबरदस्त तबाही मचाई थी, जिसमें करीब 6 हजार लोगों की जान चली गई थी. यहां पर भूकंप के झटके अक्सर ही लगते रहते हैं. हाल ही में अंडमान निकोबार दीप समूह एक हत्याकांड को लेकर सुर्खियों में रहा है. यहां के सेंटिनल द्वीप पर एक अमेरिकी ईसाई मिशनरी युवक की हत्या कर दी गई थी.