लोगों को लुभाने के लिए मोदी का नया दांव, अति पिछड़ा वर्ग के जरिए निकालेंगे एसपी-बीएसपी की काट

कैराना लोकसभा सीट के महत्व को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बागपत की रोली के दौरान एक नया दांव खेला। रैली में उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग के अंदर अति पिछड़ वर्ग (एमबीसी) के लोगों को एक विशेष कोटा देने की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि पिछड़ी जातियों के बिखरे और अति पिछड़े वर्ग को भी आरक्षण नीतियों का ज्यादा से ज्यादा फायदा मिले। इसके लिए उन्होंने एक आयोग बनाया है।
एमबीसी की पात्रता की जांच-पड़ताल करने के लिए बनाए एक पैनल की बात करते हुए मोदी ने कहा कि वह 27 प्रतिशत कोटा के अंतर्गत एक सब कोटा बनाएंगे। जो सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में अति पिछड़ा वर्ग की मदद करेगा। इस कदम पर पिछले कुछ समय से काम किया जा रहा है। इसे बल तब मिला जब 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिली। भाजपा ने 312 में से 402 सीटें खुद जीती थीं और गठबंधन पार्टियों के कारण उसकी सीटों की संख्या बढ़कर 325 हो गई है। हालांकि एक विधायक की मौत के बाद एक सीट कम हो गई है।

यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा की इस शानदार जीत के पीछे एमबीसी का हाथ था जिन्होंने मोदी और भाजपा को अपना मजबूत समर्थन दिया था। एमबीसी का मुद्दा ऐसा है जिसपर पहली बार पीएम ने बात कही है। इस मुद्दे को उछालना सिर्फ कैराना ही नहीं बल्कि 2019 में भी ओबीसी वोटों को साधने की कोशिश हो सकती है। बीएसपी-एसपी के गठबंधन को देखते हुए बीजेपी के लिए यह जरूरी है कि वह जातियों को साधने के लिए कुछ खास कदम उठा सके।

भाजपा की कोशिश है कि वह अपने ऊपर लगे सवर्णों के ठप्पे को हटा सके ताकि इससे सपा और बसपा के वोटों को तोड़ा जा सके। 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2014 जैसा ही प्रदर्शन किया था। मगर 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए उसे और थोड़ी और मेहनत करनी होगी क्योंकि उम्मीद की जा रही है कि यूपी में विपक्ष भाजपा के खिलाफ एक होकर लड़ेगा। इसी वजह से भाजपा ने रणनीति के तहत एमबीसी कोटा की बात उठाई है।