FB Poll: जानिए क्या वाकई अटल सरकार जैसा होगा मोदी का हाल

नई दिल्ली। सोनिया गांधी ने हाल ही में कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार के ‘अच्छे दिन’ का हाल भी अटल बिहारी वाजपेयी के ‘इंडिया शायनिंग’ जैसा होगा। इस पर naidunia.com ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोल किया था और रीडर्स से पूछा था कि क्या वाकई ऐसा होगा?
जो परिणाम सामने आाया है, उससे तो लगता है कि कांग्रेस का आंकलन गलत है। 59 फीसदी लोगों का मानना है कि ऐसा नहीं होगा, यानी ‘इंडिया शायनिंग’ का नारा देकर भाजपा भले ही हार गई हो, लेकिन ‘अच्छे दिन’ के दम पर तो वो 2019 के लोकसभा चुनावों में एक बार फिर सत्ता में लौटती दिख रही है। हां, 41 फीसदी लोग सोनिया गांधी को सही ठहरा रहे हैं।
कुछ रीडर्स का कमेंट है कि मोदी और अटल में फर्क है। यही कारण है कि इस बार कांग्रेस की जीत नहीं होगा, जिसकी उम्मीद वह लगाए बैठी है। कुछ का कहना है कि यह तो वक्त ही बताएगा।
क्या हुआ था 2004 के चुनावों में
2004 के आम चुनावों से पहले एनडीए सत्ता में था और अटल बिहारी वाजपेई प्रधानमंत्री थे। भाजपा ने अपने विकास कार्यों का हवाला देते हुए ‘इंडिया शायनिंग’ का नारा दिया था। पार्टी के रणनीतिकारों का आत्मविश्वास था कि भाजपा एक बार फिर सत्ता में लौट आएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
चुनाव परिणामों के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा था कि राजग अतिविश्वास और ‘इंडिया शायनिंग’ जैसे गलत नारों के चलते 2004 के आम चुनाव हारा। अटल के प्रधानमंत्री रहते, आडवाणी उप-प्रधानमंत्री रहे थे।
तीसरे मोर्चे की तैयारी में कांग्रेस
बहरहाल, मोदी सरकार को रोकने के लिए विपक्षी दल एक जूट होने लगे हैं। मजबूत विपक्ष के लिए तीसरे मोर्चे की शुरू हुई सियासी सरगर्मियों को थामने की रणनीति के तहत सोनिया गांधी ने डिनर डिप्लोमेसी के बहाने विपक्षी नेताओं को एकजुट करने की पहल की है।
संसद सत्र के दौरान 13 मार्च को सोनिया के इस रात्रि भोज का न्योता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत विपक्षी खेमे के सभी दलों के नेताओं को भेजा गया है। कांग्रेस इस डिनर के सहारे तीसरे मोर्चे के बजाय भाजपा के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक विपक्षी एकजुटता वाले गठबंधन की राजनीतिक जरूरत का संदेश देने की कोशिश करेगी।