संरा और अमेरिका ने म्यांमार के हालात पर जताई चिंता

म्यांमार से रोहिंग्या मुसलमानों के पलायन का सिलसिला जारी है। समुद्र में नाव डूबने से 19 मुस्लिमों के मरने की पुष्टि हो गई है जबकि उसी नाव में सवार 50 से ज्यादा लापता हैं। अमेरिका ने हालात पर चिंता जताई है जबकि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने म्यांमार में जारी हिंसा के माहौल को खत्म करने की अपील की है। उन्होंने वहां पर सेना की कार्रवाई बंद करके सरकार से ऐसे कदम उठाने को कहा है जिससे रोहिंग्या मुसलमानों में विश्वास बहाली हो और वे घर लौटें।
म्यांमार में 25 अगस्त से शुरू हुआ हिंसा और पलायन का सिलसिला अभी रुका नहीं है। पांच लाख से ज्यादा रोहिंग्या मुसलमान व अन्य अल्पसंख्यक घर छोड़कर बांग्लादेश पहुंच चुके हैं। गुरुवार को म्यांमार से ऐसे ही 130 लोगों को लेकर आ रही नाव समुद्र में डूब गई। इनमें 27 लोगों को ही बचाया जा सका जबकि 19 की लाश बरामद हुई हैं। बाकी 50 से ज्यादा लोग अभी लापता हैं। इनमें से ज्यादातर के डूबने की आशंका है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने हालात पर चिंता जताते हुए म्यांमार को चेतावनी दी है कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा जारी रही तो वहां पर सैन्य शासन वाले पुराने प्रतिबंध पुन: बहाल कर दिए जाएंगे। म्यांमार में लोकतंत्र कायम होने पर बराक ओबामा सरकार ने म्यांमार से प्रतिबंध हटा लिए थे जिसके चलते उसे अमेरिकी सहायता मिलने लगी है और दोनों देशों के बीच व्यापार शुरू हो गया है। हेली ने कहा कि सेना को कार्रवाई के समय मानवाधिकारों का सम्मान करना चाहिए।
जबकि चीन ने म्यांमार को लेकर संयम बरते जाने की सलाह दी है। संयुक्त राष्ट्र में चीन के उप स्थायी प्रतिनिधि वू हाइताओ ने कहा है कि रखाइन प्रांत की समस्या उलझी हुई है। वहां पर ऐतिहासिक और धार्मिक वजहों से मूलवासियों और घुसपैठियों में टकराव के हालात हैं। सरकार पर दोनों पक्षों को संतुष्ट करने की जिम्मेदारी है। इसलिए संबद्ध पक्ष और अंतरराष्ट्रीय बिरादरी हालात के प्रति संयम का परिचय दे।