नागरिकता कानून: बसपा का संसदीय प्रतिनिधिमंडल कल राष्ट्रपति से करेगा मुलाकात

संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में कई जगहों पर मंगलवार को भी प्रदर्शन जारी है। इसी बीच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में विपक्ष राष्ट्रपति से मिला। सोनिया गांधी के साथ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, सपा नेता रामगोपाल यादव, टीएमसी नेता डेरेक ब्रायन समते विपक्षी पार्टियों के कई नेता शामिल थे।

राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद सोनिया गांधी ने कहा, उन्होंने राष्ट्रपति से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए सरकार से इस कानून को वापस लेने के लिए राष्ट्रपति मामले में हस्तक्षेप करें यह एक विभाजनकारी कानून है जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सोनिया गांधी ने भाजपा सरकार पर लोगों की आवाज बंद करने और ऐसे कानून लाने का आरोप लगाया जो उन्हें मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा, स्थिति बहुत गंभीर है और हम शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों से निपटने के तरीके से बहुत चिंतित हैं। जिस तरह पुलिस जामिया के कैंपस में घुसकर छात्रों के साथ मारपीट की वह निंदनीय है। हम इसकी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा, इस कानून की वजह से पूर्वोत्तर में जो स्थिति है, वह राजधानी सहित पूरे देश में फैल रही है। यह एक बहुत ही गंभीर स्थिति है, हमें डर है कि यह आग तेजी से फैल सकता है।

टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि हमने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि वह सरकार से नागरिकता कानून वापस लेने को कहें क्योंकि इससे सिर्फ गरीब लोग प्रभावित हो रहे हैं। सीपीएम के सीताराम येचुरी ने कहा कि हमने कहा कि वह इस सरकार को संविधान का उल्लंघन करते नहीं देख सकते। हमें इसकी चिंता है। राष्ट्रपति सरकार को इस कानून को वापस लेने की सलाह दें।

वहीं, सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि हमने संसद में भी आशंका व्यक्त की थी कि इस कानून से देश में गंभीर स्थिति पैदा होगी, लोगों के मन में भय है, वो सही साबित हो रहा है। देश को विभाजन की तरफ ले जाया जा रहा है। एनआरसी और नागरिकता कानून ने देश के लोगों के मन में भय पैदा कर दिया है।

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ये कानून देश को बांटने वाला कानून है। उनकी संख्या संसद में ज्यादा है, इसलिए उन्होंने लोगों और देश की कोई परवाह नहीं की। विपक्ष को पता था कि देशवासी इस कानून को नकार देंगे। शायद ही कोई राज्य और शिक्षण संस्थान है जहां लोग सड़कों पर न उतरे हों। छात्रों पर बेदर्दी से लाठीचार्ज हो रहा है। असम में पांच लड़के गोली से मारे गए। कई घायल हैं। इस सरकार की यही मंशा है कि फोन, इंटरनेट बंद कर दो, टीवी बंद कर दो, अखबार में कोई खबर न जाए।

वहीं बसपा नेता एससी मिश्रा ने बताया कि इस कानून को लेकर उनकी पार्टी का संसदीय प्रतिनिधिमंडल भी राष्ट्रपति से मिलना चाहता है, उन्हें बुधवार सुबह 10:30 बजे का समय दिया गया है।