अमेरिका के उप राष्ट्रपति पेंस बोले, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाक ने उठाया अहम कदम

वॉशिंगटन: अमेरिका के उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने अमेरिकी-कनाडाई परिवार की सुरक्षित रिहाई में मदद करने के लिए पाकिस्तान की सराहना की और कहा कि पाकिस्तान ने यह मदद करके आतंकवाद के खिलाफ जंग में एक ‘‘महत्वपूर्ण कदम’’ उठाया. हक्कानी नेटवर्क ने पांच साल पहले इस परिवार का अपहरण कर लिया था. पाकिस्तान बलों द्वारा चलाए गए एक अभियान के बाद अमेरिकी नागरिक कैटलान कोलमैन, उनके कनाडाई पति जोशुआ बोयले और उनके तीन बच्चों को हक्कानी नेटवर्क के अपहरणकर्ताओं से गुरुवार (12 अक्टूबर) को रिहा कराया गया.

दंपति वर्ष 2012 में अफगानिस्तान में यात्रा पर गया था तभी उन्हें अगवा किया गया था. अपहरणकर्ताओं के चंगुल में रहने के दौरान ही उनके तीन बच्चों का जन्म हुआ. पेंस ने अमेरिकी-कनाडाई परिवार की सुरक्षित रिहाई में मदद करने के लिए पाकिस्तान की सराहना की.

पेंस ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर ट्रंप प्रशासन की कुछ प्रमुख उपलब्धियों का जिक्र करते हुए पाकिस्तान पर यह बयान दिया. उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रपति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वास्तविक उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं.’’ पेंस ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ने पाकिस्तान से कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वह कुछ और कदम उठाए और इसी सप्ताह उसने महत्वपूर्ण कदम उठाया. उन्होंने पांच वर्ष से भी अधिक समय से बंधक एक अमेरिकी परिवार की सुरक्षित रिहाई में मदद दी.’’ इस बीच, कनाडा ने परिवार की रिहाई का स्वागत किया.

इससे पहले पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा एक अमेरिकी-कनाडाई दंपती को हक्कानी आतंकी नेटवर्क से सुरक्षित मुक्त कराने के एक दिन बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कहा है कि उन्होंने पाकिस्तान के साथ बेहतर रिश्ते विकसित करने की शुरुआत कर दी है। अमेरिकी नागरिक कैटलान कोलमैन और उनके कनाडाई पति जोशुआ बॉयल को उनके तीन बच्चों के साथ हक्कानी नेटवर्क से गुरुवार (12 अक्टूबर) को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने सुरक्षित बचाकर बाहर निकाला। अमेरिकी अधिकारियों से मिली खुफिया सूचना के आधार पर पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने यह अभियान चलाया गया था।

इस दंपती का अपहरण साल 2015 में अफगानिस्तान में उनके बैकपैकिंग ट्रिप के दौरान हुआ था। कैद में रहने के दौरान ही दंपत्ति के तीन बच्चों का जन्म हुआ था। ट्रंप ने इससे पहले पाकिस्तान की आलोचना उसके द्वारा आतंकवादियों को लगातार दिए जा रहे समर्थन की वजह से करते हुए चेतावनी दी थी कि अगर इस्लामाबाद का यही रवैया रहा तो उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे। ट्रंप की यह टिप्पणी अगस्त में अफगान और दक्षिण एशिया नीति की घोषणा करने के दौरान आई थी।