26/11 के गुनहगार हाफिज की संपत्तियां होंगी जब्त, मसूद अजहर पर अभी भी नरम है पाक

26/11 मुंबई हमले के 10 साल बाद आखिरकार पाकिस्तान सरकार ने वैश्विक दबाव में झुकते हुए आखिरकार हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर प्रतिबंध लगा दिया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने यह आदेश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची के आधार पर किया है. इससे पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने हाफिज के संगठनों को निगरानी सूचि में डाला था.

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी यूनाइटेड नेशन्स सेक्योरिटी काउंसिल (फ्रीजिंग एण्ड सीजर) आदेश, 2019 के मुताबिक आतंकी संगठनों की संपत्तियां जब्त कर पाकिस्तान सरकार अपने कब्जे में लेगी. बता दें कि पुलवामा हमले के बाद पेरिस में फाइनेंशियल एक्शन टास्स फोर्स (FATF) की बैठक (18 फरवरी से 22 फरवरी) में पाकिस्तान को चेतावनी दी गई थी कि वो आतंकी फंडिंग पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाए.

पाकिस्तान सरकार ने 21 फरवरी को हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा और फालाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था. इसके बावजूद सोमवार को गृह मंत्रालय द्वारा जारी नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी के आंकड़ों से पता चला कि हाफिज के इन संगठनों को पाकिस्तान ने महज निगरानी सूचि में रखा है.

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने बताया कि आदेश के मुताबिक सरकार संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित संगठनों की संपत्ति अपने कब्जे में लेगी. फैसल ने बताया कि सरकार इन आतंकी संगठनों की चैरिटी विंग और उनके एंबुलेंस भी सीज करेगी. उन्होंने बताया कि इस यूनाइटेड नेशन्स सेक्योरिटी काउंसिल (फ्रीजिंग एण्ड सीजर) आदेश, 2019 का उद्देश्य नामित व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ सुरक्षा परिषद प्रतिबंधों के कार्यान्वयन के लिए प्रक्रिया को कारगर बनाना है.

हालांकि पाकिस्तान सरकार ने पुलवामा हमले के जिम्मेदार मौलाना मसूद अजहर और उसके संगठन पर कोई कार्रवाई नहीं की है. FATF की बैठक के दौरान पाकिस्तान ने हाफिज सईद के संगठनों पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया गया था जबकि जैश-ए-मोहम्मद समेत 6 अन्य संगठनों को लो-रिस्क कैटेगरी में रखा गया था.

हालांकि पाकिस्तान ने यह कार्रवाई भी काफी वैश्विक दबाव के बाद की है जब उसे दो महीने में आतंकी फंडिंग के खिलाफ की गई कार्रवाई के ठोस सबूत FATF की अगली समीक्षा बैठक में रखने हैं. अगर पाकिस्तान FATF के 10 सुत्रीय एक्शन प्लान के तहत कार्रवाई कर पाने में नाकाम रहता है तो उसके ब्लैक लिस्ट में जाने का खतरा है.

उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मुंबई हमले के बाद हाफिज के संगठनों पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की वजह से प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन तब पाकिस्तान ने कोई कार्रवाई नहीं की. सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधित सूची में अल कायद, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, लश्कर-ए-झांगवी और लश्कर-ए-तैयबा शामिल है. ऐसे में FATF की ब्लैक लिस्ट में शामिल होने और तमाम आर्थिक प्रतिबंधों के डर से पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के फैसले के 10 साल बाद यह कार्रवाई की है.