फार्मासिस्टों की हड़ताल : हॉस्पिटल में लगी मरीजों की लंबी कतार

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मंगलवार को फार्मासिस्ट की हड़ताल के चलते भोपाल के 1250 जेपी हॉस्पिटल में दवा खत्म हो गई। इसके कारण शासकीय अस्पताल में दवा लेने के लिए मरीजों को लंबी लाइन घंटोंभर लगी रही। दरअसल, प्रदेश के फार्मासिस्ट एसोसिएशन के आव्हान पर प्रदेश के सभी फार्मासिस्ट मंगलवार को सामूहिक हड़ताल पर थे। फार्मासिस्टों की हड़ताल से प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में दवाएं खत्म हो गई।
ये हैं फार्मासिस्टों की प्रमुख मांग
– फार्मासिस्टों का ग्रेड पे 1900 रुपये से बढ़ाकर 2800 रुपए किया जाए।
– रिक्त पदों पर संविदा कर्मचारियों का संविलियन किया जाए।
– प्रदेश में फार्मेसी संचालनालय बनाया जाए।
– जहां दवा वहां फार्मासिस्ट की नियुक्ति की जाए।
– संविदा पर काम कर रहे फार्मासिस्टों को नियमित किया जाए।
मांगें पूरी नहीं तो होगा हड़ताल
फार्मासिस्टों का कहना है कि उन्होंने चार वर्षीय कोर्स बी फार्मा करने के बाद दो साल तक एम फार्मा किया। यानि छह साल का कोर्स करने के दौरान डॉक्टर्स जैसी पढ़ाई की, जिसके बाद उन्हे नौकरी मिली है। लेकिन सरकार उन्हें प्यून और ड्राइवर जैसा ग्रेड पे दे रही है।
उनका कहना था कि यदि सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं किया तो फार्मासिस्टों की हड़ताल जारी रहेगा। वहीं जानकारों का कहना है कि फार्मासिस्टों की मांग जायज है लेकिन मरीजों का ध्यान में रखते हुए हड़ताल किया जाए तो अच्छा होगा। क्योंकि मरीजों को समय से दवा न मिलने पर उन्हें परेशानियों का सामना कर पड़ता है।
हड़ताल पर रहें हजारों फार्मासिस्ट
फार्मासिस्टों ने बताया कि पिछले कई सालों में लगातार ज्ञापन और आंदोलन करने के बावजूद सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। जिसके चलते राजधानी भोपाल के इकबाल मैदान में प्रदेशभर से आए करीब 4 हजार फार्मासिस्टों सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे है। वहीं फार्मासिस्टों के समर्थन में लैब टेक्नीशियन भी हड़ताल पर रहें।
वहीं प्रांतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अम्बर सिंह चौहान का कहना है हड़ताल के चलते कोई भी फार्मासिस्ट दवाईयों का वितरण नहीं होगा। यदि कोई अप्रशिक्षित व्यक्ति से दवाईयों का वितरण करवाया, तो उस पर फार्मेसी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।