अच्छे आचरण पर कैदियों को भी मिलेगा अब फर्लो का लाभ, जेल में कैदी के पास मोबाइल मिला तो 3 साल की कैद और 5 लाख जुर्माना

-130 साल बाद कैदियों के लिए बने नियम बदलेगी सरकार, बंदी गृह सुधारात्मक सेवाए विधेयक लाएगी सरकार, कैबिनेट में हुई चर्चा, बजट सत्र में होगा पेश

भोपाल।

मध्यप्रदेश सरकार 130 साल बाद मध्यप्रदेश के कैदियों के लिए नया अधिनियम ला रही है। इसमें केन्द्रीय अधिनियम के प्रावधानों के अनुरुप प्रावधान शामिल किए गए है। मध्यप्रदेश बंदीगृह एवं सुधारात्मक सेवाएं विधेयक 2024 के जरिए जेल मे बंद कैदी को उसके अच्छे आचरण के आधार पर फर्लो का लाभ दिया जाएगा। वहीं जेल के भीतर बिना अनुमति मोबाइल का उपयोग करते पाए जाने  पर कैदियों को पांच लाख रुपए के जुर्माने और तीन साल की सजा का प्रावधान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में इस विधेयक के मसौदे पर चर्चा  की गई।  विधेयक बजट सत्र में पेश होगा। स्वीकृति के बाद लागू होगा।मध्यप्रदेश में ब्रिटिश काल के 1874 के जेल अधिनियम में संशोधन कर मॉडल जेल अधिनियम तैयार किया गया है। केन्द्र सरकार के एक्ट से एकरुपता लाने अब मध्यप्रदेश में यह नया अधिनियम लागू किया जाएगा। इसमें कारागार अधिनियम, बंदी अधिनियम और बंदी स्थानातंरण अधिनियम का समावेश करते हुए एक अधिनियम लागू किया जाएगा। इसमें खतरनाक और गैंगस्टर बंदियों के लिए विशेष प्रावधान किए गए है। मार्डन टेक्नालाजी का प्रयोग करते हुए वीडियो कांफ्रेसिंग से पेशी, बंदियों की मुलाकात, टेलीमेडिसिन जैसी सुविधाएं शुरु की जाएंगी। जेल के भीतर मोबाइल का उपयोग करने वालों को कड़ी सजा का प्रावधान करते हुए तीन साल की कैद या पांच लाख रुपए तक जुर्माना का प्रावधान किया जा रहा है। ट्रांसजेंडर बंदियों के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे। खुली जेल की स्थापना के लिए नये प्रावधान किए जाएंगे। जो कैदी अच्छा आचरण रखते है उन्हे फर्लो सुविधा का लाभ दिया जाएगा। जिसमें वे कुछ समय बाहर रहकर काम कर सकेंगे और बाद में सजा पूरी करने फिर से जेल में आएंगे। बंदियों को लीगल एडवोकेट की सुविध प्रदान की जाएगी। जेलों के विकास के लिए जेल विकास बोर्ड बनाया जाएगा। जेलों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए आर्कीटेक्चर डिजाइन के आधार पर जेलों का निर्माण होगा। ताकि निगरानी ठीक से की जा सके। मानसिक रोगियों के अन्य जेलों में स्थानांतरण की पॉलिसी होगी जिससे वे दूसरे स्थान पर जहां इलाज ले सकते है वहां जा सकेंगे। महिला बंदियों के लिए विशेष सुविधाएं शुरु की जाएंगी। बंदी कैदियों के अपराध की प्रकृति, आदतन अपराधी और अन्य आधारों पर उनका केटेगराइजेशन कर उनकी मनोदशा पर चर्चा का प्रावधान किया जाएगा। अंडर ट्रायल कैदियों के रिव्यू के लिए न्यायिक अधिकारियों की कमेटी बनाई जाएगी। सागर, भिंड, दमोह, छतरपुर, रतलाम, मंदसौर और बैतूल में नई जेलें बनेंगी। कैदियों की क्षमता बढ़ाने का प्रावधान होगा। कैैदियों को जेल से बाहर निकलने पर उनके पुर्नवास, जेल प्रशासन में सुधार, स्वास्थ्य और अन्य सुविधाओं के विकास का प्रावधान इसमें होगा। इसे बजट सत्र में पेश कर चर्चा के बाद मंजूरी दी जाएगी।

मध्यप्रदेश में विकासखंड स्तर पर किसानों को मिट्टी परीक्षण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कृषि विभाग 265 नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं के भवन एवं प्रयोगशाला उपकरणों को युवा उद्यमियों, संस्थाओं को उपलबध कराएगा। युवा उद्यमियों और संस्थाओं के माध्यम से किसानों के खेतों के मिट्टी के नमूनों का परीक्षण कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराए जाने के प्रस्ताव पर भी केबिनेट में चर्चा की गई।