इमरान ने सभी पाकिस्तानियों को दी सिर्फ 6 दिन की मोहलत

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का हर जतन कर रहे प्रधानमंत्री इमरान खान बार-बार अपने देशवासियों से एक ही अपील दोहरा रहे हैं. सोमवार को एक बार फिर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने टैक्स एमनेस्टी स्कीम का फायदा उठाने की अपील की और अपनी बेनामी संपत्तियों का ऐलान करने के लिए कहा. पीएम इमरान ने स्कीम का लाभ उठाने के लिए एक और छूट का भी ऐलान किया.

इमरान खान ने देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि अगर वे डेडलाइन तक कर का भुगतान करने में सक्षम नहीं हैं तो कम से कम वे टैक्स एमनेस्टी स्कीम में रजिस्ट्रेशन ही करा लें.

इमरान खान ने एक निजी चैनल पर टीवी प्रोग्राम में कहा, किस्तों में भुगतान की भी छूट होगी लेकिन 30 जून के बाद फिर कोई मौका नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि 30 जून के बाद टैक्स एमनेस्टी स्कीम का लाभ उठाने के लिए समयसीमा बढ़ाई नहीं जाएगी लेकिन रविवार को भी लोगों के लिए दफ्तर खुले रहेंगे.

पाकिस्तानी प्रीमियर ने कहा, हम दुनिया में सबसे कम कर चुकाते हैं. पिछले 10 वर्षों में हमने बहुत सारा कर्ज लिया है और उस कर्ज पर भारी-भरकम ब्याज का भुगतान करने में सरकारी खजाना खाली हो जाता है.

उन्होंने कहा, हमें इस दलदल से निकलने की जरूरत है. हमें खुद को बदलना ही होगा. 60 के दशक में पाकिस्तान उभर रहा था लेकिन हम टैक्स नहीं भरते हैं और यहां पर बहुत ज्यादा भ्रष्टाचार है.

पाकिस्तानियों की टैक्स अदा करने को लेकर झिझक और टैक्स के इस्तेमाल के बारे में इमरान खान ने कहा, लोग सोचते हैं कि वो जो टैक्स भरेंगे, वह उन पर खर्च नहीं किया जाएगा. उन्हें लगता है कि या तो वह चोरी हो जाएगा या फिर उनके लिए खर्च नहीं होगा. हालांकि, मैं वादा करता हूं कि निश्चित तौर पर टैक्स उन पर खर्च किया जाएगा.

पीएम इमरान खान ने दो बार यह आश्वासन भी दिया कि कोई भी करदाताओं को प्रताड़ित नहीं करेगा और केंद्रीय राजस्व बोर्ड (FBR) में सुधार किए जाएंगे.

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेतृत्व और इसकी उपलब्धियों के बारे में खान ने कहा, हमारी सरकार के पास आज जो सूचना है, वह पहले किसी सरकार के पास नहीं थी.

उन्होंने पाकिस्तानियों को चेतावनी देते हुए कहा, सजा के अलावा बेनामी संपत्ति भी जब्त कर ली जाएगी. वर्तमान में हर साल करीब 10 अरब डॉलर की मनी लॉन्ड्रिंग हो रही है.इमरान खान ने कहा, एक बात बिल्कुल साफ है कि हमारा टैक्स कलेक्शन दुनिया में सबसे कम है और पाकिस्तान इस सूरत-ए-हाल में आगे नहीं बढ़ सकता है.

बता दें कि इमरान की अगुवाई वाली पीटीआई सरकार मई महीने में राजस्व बढ़ाने के लिए टैक्स एमनेस्टी स्कीम लाई थी. इस स्कीम के तहत अघोषित संपत्ति, पूंजी का खुलासा करके न्यूनतम दरों पर कर चुकाने के बाद काले धन को सफेद करने का मौका दिया गया था. लेकिन अभी तक इसमें केवल 250 पाकिस्तानियों ने हिस्सा लिया है और स्कीम के तहत सिर्फ 45 करोड़ रुपए का कर ही इकठ्ठा हो पाया है.

प्रधानमंत्री इमरान खान ने इससे पहले आधी रात को दिए गए टेलिविजन संबोधन में भी देशवासियों से स्कीम में हिस्सा लेने की अपील की थी और बेनामी संपत्ति घोषित करने के लिए अल्टीमेटम भी जारी किया था लेकिन सब बेकार रहा.

बता दें कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की 6 अरब डॉलर के पैकेज का सहारा मिला है लेकिन इसके लिए संस्था ने इमरान सरकार के सामने कर राजस्व बढ़ाने का कड़ा लक्ष्य रखा है.

IMF का भी पूरा जोर पाकिस्तान के टैक्स कलेक्शन बढ़ाने पर है. पाकिस्तान सरकार के सामने 600 से 700 अरब रुपए का अतिरिक्त राजस्व जुटाने की गंभीर चुनौती है.

पाकिस्तान पर कुल विदेशी कर्ज 90 अरब डॉलर का है. आईएमएफ से इस साल पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर की राशि मिलेगी जो कर्ज को देखते हुए बहुत मामूली है.