सऊदी के प्रिंस सुलेमान ने पाकिस्तान को बताया ‘अरब का गुलाम’

दुनियाभर में पाकिस्‍तान की लगातार किरकिरी हो रही है। कभी भारत को लेकर वह हंसी का पात्र बन जाता है तो कभी अपने ही मंत्रियों के बयान को लेकर उसको शर्मसार होना पड़ता है। कतर और सऊदी अरब के बीच मध्‍यस्‍थता को लेकर भी उसका कुछ ऐसा ही हाल हुआ जब सऊदी किंग ने नवाज से पूछा कि वह किस तरफ हैं।

इस तरह के कई और उदाहरण पाकिस्‍तान को लेकर मिल जाएंगे। लेकिन अब जिस चीज को लेकर पाकिस्‍तान की किरकिरी हो रही है वह इन सभी से कहीं ज्‍यादा बड़ी है। दरअसल, सऊदी अरब के रक्षा मंत्री और प्रिंस मोहम्‍मद बिन सुलेमान ने पाकिस्‍तान के बारे में कुछ ऐसा कह दिया है जिसको पाकिस्‍तान कभी हजम नहीं कर सकेगा।

प्रिंस सुलेमान ने एक विवादस्‍पद बयान देते हुए पाकिस्‍तान को अरब का गुलाम कहा है। उनका मानना है कि सही मायने में मोहम्‍मद साहब के असली वंशज उन्‍हीं के देशवासी हैं। वह पाकिस्‍तान को इस्‍लामी देश भी नहीं मानते हैं। उनके मुताबिक पाकिस्‍तान ही नहीं बांग्‍लादेश के लोग भी मुस्लिम नहीं हैं, बल्कि ये वो लोग हैं जिन्‍होंने हिंदू धर्म छोड़कर मुस्लिम धर्म को अपनाया है। लिहाजा यह मुस्लिम नहीं हैं। उन्‍होंने पाकिस्‍तान के लोगों कनवर्टेड मुस्लिम कहकर और सऊदी अरब का गुलाम कहकर रही सही कसर भी पूरी कर दी है। उनके लिए खुद को मुस्लिम कहने वाले यहां के लोग दरअसल हिंदू-मुस्लिम हैं।

प्रिंस सुलेमान भारत पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश के मुसलमानों को अल हिंदी-मुस्‍कीन कहते हैं। इसका अर्थ है कि वह दोयम दर्जे के मुस्लिम हैं। अरब में यह ख्‍यालात सिर्फ प्रिंस के ही नहीं बल्कि आम लोगों के भी हैं। यहां के लोगों के लिए यह सोच बेहद सामान्‍य है। वहीं दूसरी ओर इन लोगों को सऊदी अरब में किसी भी बड़ी पोस्‍ट पर नहीं रखा जाता है। टॉप पोस्‍ट सिर्फ अरब मुस्लिमों के लिए ही सुरक्षित रखी जाती हैं। पाकिस्‍तान के लिए सऊदी प्रिंस के यह बयान वास्‍तव में ही काफी तकलीफ देने वाले होंगे। इसका जिक्र पाकिस्‍तान के एक पत्रकार ने ट्विटर पर किया है।

ऐसा कहकर सऊदी अरब के प्रिंस और रक्षा मंत्री ने पाकिस्‍तान को आइना दिखा दिया है। सऊदी का गुलाम बताकर उन्‍होंने एक विवाद को जरूर जन्‍म दिया है। इस्‍लामी देश के नाम पर बनने वाले पाकिस्‍तान को अपनी सही हकीकत का अंदाजा प्रिंस सुलेमान के बयान से जरूर हो गया होगा। पाकिस्‍तान विश्‍व में मौजूद इस्‍लामी देशों में कहां जगह रखता है इसका भी एक उदाहरण प्रिंस के बयान से सभी के सामने आ गया है। यह हाल तब है जब पाकिस्‍तान बिना किसी के बुलावे के कतर और सऊदी अरब के बीच मध्‍यस्‍थता करने वहां जा पहुंचा था।

ऐसा नहीं है कि सऊदी अरब ने पाकिस्‍तान को लेकर इस तरह का इशारा पहली बार किया हो। इससे पहले अमेरिका-सऊदी बिजनेस सम्‍मेलन के दौरान भी जब अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप सऊदी अरब आए थे, तो पाकिस्‍तान को इस सम्‍मेलन में बोलने का मौका ही नहीं दिया गया था।

वहीं ट्रंप ने अपने संबोधन में भारत को आतंकवाद का पीडि़त देश बताकर पाकिस्‍तान को आइना दिखाने की कोशिश की थी। इसके अलावा इस सम्‍मेलन के दौरान पाकिस्‍तान के पीएम नवाज शरीफ लाख चाहने के बाद भी ट्रंप से मुलाकात नहीं कर सके थे। वहीं दूसरी ओर शंघाई काॅपरेशन सम्‍मेलन में भी चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनपिंग ने नवाज से हाथ तक नहीं मिलाया था। रक्षा विशेषज्ञ अनिल कौल मानते हैं कि सऊदी प्रिंस के इस तरह के बयान पाकिस्‍तान को उसकी हकीकत समझाने के लिए काफी हैं। हालांकि उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान के लोग अपने को अरबी बताते हैं लेकिन अरब उन्‍होंने कुछ नहीं मानते हैं।