जानिए, उत्तराखंड में हाईकोर्ट ने क्यों लगाई लग्जरी सामान की खरीदारी पर रोक

नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में सरकार और सरकारी विभागों के लग्जरी सामानों की खरीद पर रोक लगा दी है। यही नहीं कोर्ट ने यह आदेश देते समय कड़ी टिप्पणी भी की है।
प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा के गिरते स्तर और इस मामले में अदालती आदेश का पालन नहीं करने पर कोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ ने यह निर्देश दिया है। कोर्ट ने शिक्षा सचिव और वित्त सचिव को आज कोर्ट में तलब भी किया है। अदालत ने इस मामले में कठोर टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार और कोई विभाग, आदेश का पालन होने तक सरकारी खर्च पर कार, एयर कंडीशनर, वाटर प्यूरीफायर समेत कोई भी लग्जरी सामान नहीं खरीद सकेंगे। खंडपीठ ने शिक्षा विभाग को चेताया कि आदेश का पालन नहीं करने पर भविष्य में विभागीय अफसरों के लग्जरी सामानों के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी जाएगी।
देहरादून के दीपक राणा ने जनहित याचिका दायर कर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा की बदहाली की जानकारी दी थी। इस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने 16 नवंबर 2016 को सरकार को गाइडलाइन जारी कर इन्हें लागू करने का आदेश दिया था। अब अधिवक्ता ललित मिगलानी ने कोर्ट में पेश किए शपथपत्र में बताया कि कोर्ट के उस आदेश का अब तक पालन नहीं हुआ है। कोर्ट ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई।

सुनवाई के दौरान शिक्षा सचिव चंद्रशेखर भट्ट न्यायालय में उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि अदालत के आदेश के अनुरूप व्यवस्थाओं में सुधार के लिए प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया था। लेकिन यह प्रस्ताव वित्त सचिव अमित नेगी के पास लंबित है। इस पर अदालत ने शिक्षा सचिव के साथ वित्त सचिव को भी व्यक्तिगत रूप से पेश होने के आदेश दिए हैं।