MP: मासूमों को नाले का पानी पीते देख भोपाल तक हलचल

छतरपुर।। बच्चे देश का भविष्य होते हैं, इन नौनिहालों की परवरिश और शिक्षा जितनी अच्छी होगी, देश उतना ही सशक्त बनेगा, इसके लिए सरकारें भी कई योजनाओं के माध्यम से शिक्षित और सशक्त बनाने का प्रयास करती रहती हैं। पर लचर सिस्टम की वजह से उसका लाभ बच्चों को नहीं मिल पाता। इसकी बानगी देखने को मिली छतरपुर में।

दरअसल, सूबे की शिक्षा व्यवस्था में शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां के ग्रामीण इलाकों में मध्याह्न भोजन के नाम पर रोटी और नमक दिया जाता है। स्कूलों में हैंडपंप तक मयस्सर नहीं है, प्यास लगने पर छात्रों को नाले का गंदा पानी पीना पड़ता है। राजनगर तहसील के सूरजपुरा ग्राम पंचायत के प्राथमिक शाला में बच्चे कई सालों से खुले आसमान के नीचे तालीम ले रहे हैं, लेकिन मासूमों को मध्याह्न भोजन में नमक के साथ सूखी रोटी खाते और नाले का पानी पीते देख सब के सब हैरान हैं।

अतिथि शिक्षक संतोष अरराजिया ने भी स्वीकार किया कि पीने के पानी का कोई स्रोत नहीं होने के कारण बच्चे खेती की सिंचाई के लिए गुजरने वाले नाले का पानी पीते हैं। मामला सामने आने के बाद से जिला मुख्यालय से राजधानी भोपाल तक हड़कंप मच गया है। कलेक्टर रमेश भंडारी ने कहा कि उन्होंने एक जांच समिति बनाई है। जिसकी रिपोर्ट में मिड-डे मील में गड़बड़ी की बात सामने आई है, रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

वहीं राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस ने कहा कि उन्होंने कलेक्टर से बात की है। अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार लोगों को हटा दिया गया है, साथ ही एक विशेष टीम का गठन किया गया है, जो राज्य के सभी जिलों में मिड-डे मील और अन्य व्यवस्था को मॉनिटरिंग करेगी।