बहुचर्चित बेहमई सामूहिक नरसंहार पर फैसला 6 जनवरी को

देश के बहुचर्चित बेहमई नरसंहार के मुकदमे की स्पेशल जज डकैती की कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। फैसले के लिए कोर्ट ने नए साल में 6 जनवरी की तारीख तय की है। मामले के तीन आरोपित फरार चल रहे हैं जिनकी फाइल कोर्ट ने अलग कर दी है। नरसंहार में बीस लोगों को दस्यु फूलन के गिरोह ने गोलियों से भून दिया गया । 38 सालों से पीड़ितों व विधवाओं को न्याय का इंतजार है।

यमुना के बीहड़ पट्टी में स्थित राजपुर ब्लाक के बेहमई गांव में 14 फरवरी 1981 को दस्यु फूलन के गिरोह ने धावा बोला थी। 20 लोगों की मौत के साथ डकैतों की गोली से यहां के 6 लोग घायल हुए थे। बेहमई के राजाराम सिंह ने उस समय सिकंदरा थाने में दस्यु फूलनदेवी व उसके गिरोह के भीखा, पोसा, विश्वनाथ , श्याम बाबू, राम सिंह, मानसिंह, राम केश, विश्वनाथ उर्फ अशोक आदि 20 डकैतों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में जमानत कराने के बाद से मानसिंह, रामकेश, विश्वनाथ उर्फ अशोक आदि जहां फरार हो गए, वहीं कई डकैतों के अलावा दस्यु सुंदरी फूलन डकैत से सांसद तक का सफर पूरा कर दुनिय छोड़ चुकी है। वहीं कई गवाह व न्याय का इंतजार कर रही विधवाएं भी अब इस दुनिया में नहीं हैं।

38 साल पूर्व शुरू हुए देश के इस बहुचर्चित मुकदमें की सुनवाई स्पेशल जज डकैती की कोर्ट में चल रही थी। पुलिस की लचर पैरवी व पीठासीन अधिकारियों के स्थानांतरित होने तथा कानूनी दांव पेंच में मामले के उलझे होने से यहां के पीड़ितों व विधवाओं को न्याय का 38 साल से इंतजार है। इस मामले में शासकीय अधिवक्ता राजू पोरवाल के कमान संभालने के बाद वर्ष 2012 में भीखा, पोसा, विश्वनाथ,श्याम बाबू व राम सिंह पर आरोप तय हो सका। इसके बाद स्पेशल जज डकैती की कोर्ट में इस मामले के घायलों सहित 15 गवाहों के बयान कराए गए।

2014 में अभियोजन ने गवाही समाप्त कर दी गई थी, इसके बाद से बचाव पक्ष के वकील अपनी दलीलों व कानूनी दांव पेंच में मामले को लंबित किए हुए थे। जिला शसकीय अधिवक्ता ने बताया कि अब इस बहुचर्चित मामले में बहस खत्म होने के बाद सुनवाई पूरी हो गई है। उन्होंने बताया कि स्पेशल जज ने इस मामले में फरार चल रहे मानसिंह आदि की पत्रावली को प्रथक कर फैसले के लिए अब नए साल में 6 जनवरी की तारीख तय की है। इससे नए साल में बहुचर्चित बेहमई कांड में फैसला आने की पूरी उम्मीद है।