Union Budget 2019: डिजिटल पेमेंट के जरिए भुगतान लेने कारोबारियों को मिलेगा ज्यादा इनसेंटिव

नई दिल्ली : लोकसभा में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान डिजिटल और कैशलेस पेमेंट को बढ़ावा देने का ऐलान किया है। मोदी सरकार के डिजीटल और कैशलेस पेमेंट को बढ़ावा देने के बारे में बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जिन कारोबारियों का सालाना टर्नओवर 50 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा है वो अगर डिजिटल पेमेंट के जरिए अपने ग्राहकों से भुगतान लेते हैं तो उनको पेमेंट पर कोई चार्ज या मर्चेन्ट डिस्काउंट रेट नहीं देना होगा। निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि 1 करोड़ से ज्यादा के कैश निकासी पर 2 फीसद का TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) देना होगा।

अपने बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि 50 करोड़ या उससे ज्यादा के टर्नओवर वाले कारोबारियों अगर लो-कॉस्ट डिजिटल पेमेंड मोड के जरिए अपने ग्राहकों से भुगतान लेते हैं तो कोई भी चार्ज नहीं देना होगा। यह चार्ज कारोबारियों के साथ-साथ ग्राहकों पर भी नहीं लगेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और बैंक उन लागतों पर निगरानी रखेंगे जिनके लिए कम कैश का इस्तेमाल किया गया है ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा डिजिटल लेन-देन का इस्तेमाल कर सके। MDR यानी की मर्चेन्ट डिस्काउंट रेट एक डिजिटल लेनदेन की सुविधा के लिए लगाया गया शुल्क है और इसे आम तौर पर विभिन्न पार्टियों में वितरित किया जाता है।

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि इन प्रावधानों को प्रभावी बनाने के लिए आयकर अधिनियम और भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 में आवश्यक संशोधन किए जा रहे हैं। सीतारमण ने कहा कि BHIM UPI, UPI-QR Code, Aadhaar Pay, डेबिट कार्ड, NEFT और RTGS जैसे कई तरह के लो-कॉस्ट डिजिटल पेमेंट मोड्स उपलब्ध हैं जिसका इस्तेमाल कैशलेस इकोनॉमी के लिए किया जा सकता है।

निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि सरकार डिजिटल पेमेंट और कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए कई और कदम उठा रही है। डिजिटल भुगतान को और अधिक बढ़ावा देने के लिए मैं कई उपायों पर विचार करना चाहती हूं। नकद में व्यावसायिक भुगतान करने की प्रथा को हतोत्साहित करने के लिए, मैं एक बैंक खाते से एक वर्ष में एक करोड़ रुपये से अधिक की नकद निकासी पर 2 प्रतिशत का TDS लगाने का प्रस्ताव करती हूं।