गायों से दिखा मुस्लिमों का प्यार: यूपी में बचाई जान, गुजरात में गोरक्षा के लिए रखेंगे उपवास
देश भर में गाय और बीफ से जुड़ी हिंसा में मुसलमानों को मारे-पीटे जाने के बीच उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से ऐसी खबर आई है जो कई सामाजिक पूर्वाग्रहों को तोड़ती है। यूपी के मुरादाबाद जिले के बिलारी नगरपालिका में रविवार (नौ जुलाई) को एक गाय घास चरते-चरते एक गड्ढे में गिर गई। गाय काफी संघर्ष के बाद भी गड्ढे से नहीं निकल पा रही थी। गड्ढे से निकलने के लिए संघर्षरत गाय पर स्थानीय लोगों की नजर पड़ी तो उन्होंने उसकी मदद की। गाय जहां गड्ढे में फंसी थी वो इलाका मुस्लिम बहुल है और आसपास रहने वाले मुसलमानों ने ही गाय की मदद की। वहीं गुजरात में एक मुस्लिम युवक ने गोरक्षा का संदेश फैलाने के लिए 20 जुलाई से उपवास रखने की घोषणा की है।
27 वर्षीय जबर जाट कच्छ के नखतराना कस्बे के रहने वाले हैं। जाट ने कहा है कि वो भुज के जिलाधिकारी के दफ्तर के बाहर 48 घंटे तक उपवास रखेंगे। जाट ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मांग की है कि गायों के लिए कच्छ जिले के हर तालुका में गायों के लिए “गोचर” (चारागाह) की व्यवस्था करे। जाट के पास 16 गायें हैं। जाट ये भी चाहते हैं कि सरकार बैलों की खरीद पर छूट दे और सभी गौशालाओं पर 50 फीसदी सब्सिडी दे।
केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के बाद देश में गाय से जुड़ी हिंसा में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। डेटा वेबसाइट इंडियास्पेंड की रिपोर्ट के अनुसार साल 2010 से 2017 के बीच इस दौरान गाय को लेकर हुई हिंसाओं में 57 पीड़ित मुसलमान थे। वहीं हिंसा में मारे जाने वालों में 87 प्रतिशत मुस्लिम थे। इन आठ सालों में गाय से जुड़ी हिंसा की 68 घटनाएं हुई हैं जिनमें 28 लोग मारे गए। गाय से जुड़ी हिंसा के 97 प्रतिशत मामले मई 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद हुए हैं।
गाय से जुड़ी हिंसा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी की विपक्ष आलोचना करता रहा है। जून के आखिरी हफ्ते में बीएम मोदी ने गुजरात में कहा था कि “गौ-भक्ति के नाम पर हत्या को स्वीकार नहीं किया जा सकता और किसी को अपने हाथ में कानून लेने का अधिकार नहीं है।” इससे पहले भी पीएम मोदी कह चुके हैं कि कुछ लोग गाय की रक्षा नाम पर अपनी दुकान चला रहे हैं और ऐसे लोग असामाजिक तत्व हैं।