एम्स के बाहर किराये पर मिलते परिजन, आपकी जगह लगते हैं लाइन में; रोजाना आते हैं 10 हजार मरीज

दिल्ली।एम्स में इलाज कराने आ रहे मरीजों को टोकन हासिल करने के लिए किराये पर परिजन भी मिलते हैं। यह लोग 500 रुपये तक लेकर टोकन के लिए लाइन में लगते हैं। दरअसल, एम्स में रोजाना सभी विभागों के लिए कुछ टोकन दिए जाते हैं।

टोकन लेने के लिए सुबह पांच बजे से नए मरीजों की रिंग रोड पर एम्स की दीवार के साथ लंबी लाइन लगती है। इन लाइन में यह लोग पहले से लगे हुए रहते हैं। यह लोग खुद मरीज की पहचान कर लेते हैं।

 

पैसे देकर टोकन हासिल करने वाली बिहार के मुंगेर से आई ललिता देवी ने बताया कि तीन दिन पहले बेटे को पटना के एक अस्पताल रेफर करवाकर लाई थी। एम्स में पर्ची बनवाने के लिए लाइन में भी लगी, लेकिन मौका मिलने से पहले ही टोकन खत्म हो गया। वह जब बाहर आईं तो एक व्यक्ति ने 500 रुपये में अपनी जगह देने की बात कही। ऐसे कई लोग हैं जो सुबह से लाइन में लगकर टोकन लेते हैं और बाद में पैसे लेकर मरीजों को वह टोकन दे देते हैं।

 

सभी को नहीं मिल पाता टोकन

टोकन के लिए लाइन में लगे मरीजों के परिजनों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार इन्हें दो से तीन दिन तक लाइन में लगना पड़ जाता है। एम्स प्रशासन की माने तो ओपीडी में रोजाना करीब 10 हजार मरीज इलाज करवाने आते हैं। इनमें से करीब 70 फीसदी फॉलोअप मरीज होते हैं। इनके पास पहले से अपॉइंटमेंट होता है। इनके अलावा काफी मरीज ऑनलाइन अपॉइंटमेंट के साथ आते हैं। इन्हें टोकन की जरूरत नहीं होती। बाकी बचे हुए स्लॉट के बदले टोकन दिया जाता है।

ऑनलाइन अपॉइंटमेंट के लिए एक माह की वेटिंग

एम्स में आने वाले मरीज ऑनलाइन अपॉइंटमेंट भी हासिल कर सकते हैं। ऑनलाइन माध्यम से एक

माह तक यदि उक्त विभाग में अपॉइंटमेंट होगा तो मरीज को सुविधा मिल जाएगी। एम्स पहले पांच से छह माह की वेटिंग रखता था, लेकिन नई सुविधा के तहत केवल एक माह पहले तक के लिए अपॉइंटमेंट दिए जा रहे हैं।