कैसे एक गरीब परिवार का बच्चा बना बाकी बच्चो का आदर्श

लखनऊ : बात एक लड़के की हैं जिसका नाम रहित गौतम हैं जो की लखनऊ शहर के एक छोटे से गांव कुरोनी में रहता हैं । रोहित के घर की  स्तिथि बहुत अच्छी न होने के बावजूद रोहित ने पढ़ाई का सहारा नहीं छोड़ा और दिन और रात एक करने के बाद रोहित  पॉलिटेक्निक मैथ्स में प्रथम स्थान ले कर अपने माता पिता एवं गुरुजनों का नाम रोशन किया। हमारे संवादाता जब रोहित से उनके सफलता के बारे में पूछने लगे तो रोहित ने अपनी सफलता के पीछे कई लोगो का नाम बताया जैसे की अपने माता पिता और अपने एक रजत सर का नाम बताया जो की एजुकेशन क्लासेस नामक एक कोचिंग शिक्षण संस्थान लखनऊ के बंथरा गांव में चलाते हैं

रोहित की सफलता में कोचिंग संस्थान ने किस प्रकार निभाई अपनी भूमिका

रोहित बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज़ बालको में से था उसने अपनी इंटर तक की पढ़ाई सरकारी स्कूल से प्रथम स्थान लेकर पूरी की लेकिन पॉलिटेक्निक में जिज्ञासा रखने वाले रोहित ने किसी तरह से एडमिशन तो ले लिया लेकिन उसके लिए पढ़ाई का स्तर अब काफी कठिन हो रहा था और ऐसे में रोहित ने पार्टटाइम नौकरी कर के कोचिंग पढ़ने का सोचा जहां बाकी कोचिंग सिर्फ पैसे का वेवपार कर रही हैं। वहीं पर बंथरा छेत्र में एजुकेशन क्लासेस गरीब बच्चो को उच्चतम शिक्षा देने के लिए सालो से काम कर रही हैं। रोहित ने बताया कि पॉलीटेक्न की मैथ्स के लिए रजत सर उससे सिर्फ 250 रूपय लेते थे और सुबह 5:30 पर उसे पढ़ाते थे । रोहित के अनुसार उनके सर ने उनकी इस उपलब्धि में एक एहम रोल निभाया। रोहित की इस परिणाम को हासिल करने के बाद उनके माता पिता एवं परिजन बहुत खुश हैं। एवं आस पास के सभी बच्चो में भी एक मोटिवेशन का काम रोहित ने किया की यदि किसी बच्चे में पढ़ने की ललत हैं तो वह कुछ भी कर सकता हैं ऊपर वाला हर एक प्रकार से सहायता करता हैं । रोहित से बच्चे काफी ज्यादा प्रभावित हुए है।

 

ई खबर मीडिया के लिए रजत पांडेय की खबर