पूर्वोत्तर भारत के विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षा संस्थानों के कुलपतियों की बैठक
गुवाहाटी : पूर्वोत्तर पर्वतीय विश्वविद्यालय शिलांग, भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन विषय पर पूर्वोत्तर भारत के विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षा संस्थानों के कुलपतियों की बैठक संपन्न हुई। बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के साझा पाठयक्रम निर्माण अकादमिक क्रेडिट स्थानांतरण और किसी पाठयक्रम में मल्टी-एंट्री और एक्जिट विषय पर कुलपतियों द्वारा गंभीर विचार-विमर्श किया गया।
ज्ञातव्य हो कि बैठक को संबोधित करते हुए शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव श्री अतुल भाई कोठारी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को भारतीय शिक्षा नीति बताया। अपने उद्बोधन में उन्होंने भारत की प्राचीन ज्ञान परम्परा को स्मरण करते हुए उसे दुनिया की श्रेष्ठ ज्ञान परम्परा बताया। उन्होंने कहा कि अगर देश को बदलना है तो वहां की शिक्षा को बदलना होगा और भारत में शिक्षा का भारतीयकरण उसका शिष्ट उपाय है।
वहीं कुलपति प्रो प्रभा शंकर शुक्ला ने अपने उद्बोधन में दक्षता विकास पर जोर दिया एवं अपने विश्वविद्यालय में तीन भाषा आवश्यकता आधारित पाठयक्रम जैसे कि टनल फार्मिंग, पिगरी और मत्स्य पालन से संबंधित पाठयक्रम को लागू करने पर जोर दिया। इसके अतिरिक्त त्रिपुरा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो गंगा प्रसाद प्रसेन ने अपने विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति एकीकृत पाठयक्रम को लागू करने पर जोर दिया। इसके अलावा अन्य विश्वविद्यालयों से आए कुलपतियों ने भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर अपने सुझाव और विचार प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम के द्वितीय और प्रमुख सत्र में पूर्वोत्तर विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो प्रभा शंकर शुक्ला ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने हेतु विभिन्न विश्वविद्यालयों के विभिन्न पाठयक्रमों को कैसे लागू करना है इस बारे में अपने विचार व्यक्त किए। साथ ही ऑनलाइन प्रैक्टिकल की सुविधा जिस विश्वविद्यालय में भी उपलब्ध है वह संस्था आगे आकर अन्य विश्वविद्यालयों को उस सुविधा से रुबरु कराए जिससे अच्छे परिणाम आने के आसार उत्पन्न होंगे। इसके अलावा नेहू विद्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम से जुड़े पूर्वोत्तर के अन्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और प्रोसेसर्स ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को सफल बनाने हेतु कई उचित सुझाव प्रस्तुत किए जिनमें प्रो डेका, प्रो लोकेन्द्र सिंह, प्रो दीपक सिन्हा, प्रो एस पी सिंह, प्रो योगिता भुटिया, प्रो नील रत्न राय, प्रो गंगा प्रसाद प्रसेन, प्रो तोमो रीबा, आदि हैं। वहीं शिक्षा संस्कृति के राष्ट्रीय सचिव श्री अतुल भाई कोठारी ने आश्वासन दिया कि हमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत धीरे-धीरे अपने कदम बढ़ाने हैं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को सफल और सुदृढ़ बनाने का प्रयास करना है।
प्रो वी के मल्होत्रा ने देश के सर्वांगीण विकास के लिए, चरित्र निर्माण के लिए एवं मूल्य आधारित शिक्षा की अत्यंत आवश्यकता है। समाज और देश की दशा में परिवर्तन का आधार शिक्षक हो सकते हैं और इसके लिए संपूर्ण शैक्षिक मंडल को सामाने आना होगा। कार्यक्रम के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन को सरल करने का प्रयास किया गया है और अंत में नेहू के हिन्दी विभाग के प्रो हितेंद्र कुमार मिश्र द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित हुए सभी अतिथिगणों का धन्यवाद ज्ञापन किया गया।