MP : मानव अधिकार आयोग में नियुक्तियों पर विवाद,नेता प्रतिपक्ष की आपत्ति के बाद तीन सदस्यों के नाम होल्ड, एपी सिंह होंगे प्रशासनिक सदस्य

 

भोपाल। मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्तियों को लेकर सोमवार शाम को CM हाउस में बैठक हुई। बैठक में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मानव अधिकार आयोग में अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्तियों को लेकर एतराज जताया और अपनी असहमति जताई। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री मोहन यादव और विधानसभा अध्यक्ष भी मौजूद थे। नेता प्रतिपक्ष की आपत्ति के बाद अब मानव अधिकार आयोग में सिर्फ प्रशासनिक सदस्य के तौर पर एपी सिंह की नियुक्ति होगी। आपत्ति के कारण तीन न्यायिक सदस्यों के नाम होल्ड कर दिए गए हैं।

नियुक्तियों पर यह आपत्तियां उठाईं

नियुक्ति की प्रक्रिया के संबंध में नेता प्रतिपक्ष ने पूछा कि क्या नॉमिनेशन किया जा रहा है या आवेदन बुलवाए गए हैं?

नेता प्रतिपक्ष का आरोप है कि नियुक्तियों में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है।

कोर्ट में सरकार ने पिछले लोकसभा चुनाव के पहले हलफनामा दिया था कि तीन महीने में नियुक्तियां की जाएंगी। उसका पालन नहीं हुआ।

मानव अधिकार आयोग के एक्ट में ये उल्लेख है कि कार्यकाल पूरा होने के तीन महीने के भीतर नियुक्तियां होनी चाहिए।

पिछले दो–तीन सालों से नियुक्तियां नहीं हुई हैं। जिन सदस्यों का नॉमिनेशन किया गया है उनकी योग्यता क्या है?

समिति को भेजे गए नामों में (विभागीय सूची अनुसार) एससी/एसटी का कोई नाम नहीं दिख रहा है।

कोई सार्वजनिक सूचना नहीं है। प्रक्रिया पूरी तरह से अपारदर्शी है।

कार्यवाहक अध्यक्ष का प्रावधान सीमित है, आयोग को स्थायी नेतृत्व की आवश्यकता है।

खास को उपकृत करने पद का नाम बदल दिया गया

नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि मानव अधिकार आयोग में न्यायिक सदस्य का पद है लेकिन, व्यक्ति विशेष को उपकृत करने के लिए वर्तमान में पद का नाम बदलकर प्रशासकीय सदस्य के तौर पर एक आवेदन बुलाया गया है। जो आवेदन बुलाए गए हैं, उनमें समाज के चुनिंदा वर्ग के लोगों के ही आवेदन शामिल किए गए हैं। विशेष लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए केवल उन्हीं लोगों को रिक्त पदों की सूचना गोपनीय तरीके से देकर उनसे ही आवेदन बुलवाए गए हैं।

एक ही व्यक्ति को बार-बार अध्यक्ष का प्रभार क्यों दिया जा रहा

बैठक में जाने से पहले नेता प्रतिपक्ष ने कहा इस पूरी प्रक्रिया को इतना गोपनीय और छुपाकर क्यों किया जा रहा है? सिंघार ने मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष के पद को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि एक ही व्यक्ति को बार-बार चयनित कर अध्यक्ष का प्रभार क्यों दिया जा रहा है? मानव अधिकार आयोग के एक्ट का खुला उल्लंघन सरकार कर रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, आज मानवधिकार आयोग की बैठक रखी गई है। मानव अधिकार आयोग न्याय का मंदिर है। इसकी नींव संवैधानिक मूल्यों पर रखी गई है। मैं उम्मीद करूंगा की मुख्यमंत्री आज की चयन बैठक में प्रदेश की जनता के अधिकारों को लेकर न्याय करेंगे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राहुल गांधी ने लगातार कहा है कि भाजपा से संविधान को खतरा है। आज यह सच होता दिखाई दे रहा है कि भाजपा संवैधानिक पदों पर खिलवाड़ कर रही है। यदि सरकार हमारी बात नहीं सुनेगी, तो हम हाई कोर्ट के दरवाजे खटखटाएंगे, क्योंकि यह प्रदेश की जनता के न्याय का मामला है।

ये हैं समिति सदस्य

सीएम – अध्यक्ष

विधानसभा अध्यक्ष- सदस्य

गृह विभाग के प्रभारी मंत्री- सदस्य

नेता प्रतिपक्ष- सदस्य