एमपी में शुरु हुआ राजस्व महाअभियान 2, सीएम यादव ने किया डिजिटल शुभारंभ, तीस लाख प्रकरणों का होगा निपटारा

 

भोपाल।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मंत्री परिषद की बैठक से पहले राजस्व महा अभियान 2.0 का डिजिटल शुभारंभ किया। भूस्वामियों के हित में त्वरित और आसान सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए यह अभियान 31 अगस्त तक जारी रहेगा। इस महाअभियान में तीस लाख से अधिक प्रकरणों के निराकरण का लक्ष्य है।

मुख्यमंत्री डॉक्टर यादव ने कहा कि 18 जुलाई से 31 अगस्त तक प्रदेश में राजस्व महा अभियान 2.0 संचालित किया जाएगा अभियान के अंतर्गत राजस्व न्यायालय के निलंबित प्रकरणों का त्वरित निराकरण भू अभिलेख का दुरूस्तीकरण फूल अभिलेख की शुद्धिकरझण जैसे कार्य किए जाएंगे ।इसके साथ ही ई-पटवारी बस्ता की व्यवस्था आरंभ की जा रही है । इससे शुचिता के साथ राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण में मदद मिलेगी ।

अभियान के दौरान लंबित राजस्व प्रकरणों का निराकरण शुरु किया गया है। साथ ही भू अभिलेखों का शुद्धिकरण और डिजिटल क्राप सर्वे भी शुरु किया गया है। संभागायुक्त प्रत्येक जिले में कम से कम एक तहसील का निरीक्षण और कलेक्टर, अपर कलेक्टर, अनुभाग अधिकारी द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र की सभी तहसीलों, टप्पों का शत प्रतिशत निरीक्षण कर देखेंगे कि आरसीएमएस व्यवस्था विधिवत लागू है।

दुनिया छोड़ चुके भूमिस्वामियों के नाम राजस्व रिकार्ड से हटाकर उनके उत्तराधिकारियों के नाम दर्ज किए जाएंगे।

अभियान के दौरान राजस्व संबंधी सभी प्रकरण जो न्यायालय में आफलाईन प्रचलित है अथवा किसी कारण से नंबर से उतर गए है उन्हें आरसीएमएस पर दर्ज कराया जा रहा है। सभी राजस्व न्यायालय इन आदेशों का अभिलेख में अमल कराऐंगे यह कार्यवाही 31 जुलाई तक पूरी की जाएगी। संभागायुक्त प्रत्येक जिले में कम से कम एक तहसील का निरीक्षण और कलेक्टर, अपर कलेक्टर, अनुभाग अधिकारी द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र की सभी तहसीलों, टप्पों का शत प्रतिशत निरीक्षण 7 अगस्त तक पूरा कर यह सुविश्चित करेंगे कि तहसीलों और टप्पों में आरसीएमएस की व्यवस्था विधिवत लागू है और न्यायालय में कोई भी प्रकरण आॅफलाईन नहीं है। पूर्व के सभी न्यायालयीन आदेशों का राजस्व अभिलेखों खसरा नक्शे मेंं अमल किया जा चुका है।इसके लिए संभागायुक्त एक प्रमाणपत्र दस अगस्त तक उपलब्ध कराएंगे।

राजस्व अधिकारी तीस जून 2024 तक की स्थिति में समय सीमा पार कर चुके लंबित प्रकरणों को चिन्हित कर नामांतरण, बटवारा, अभिलेख में सुधार के प्रकरणों का निराकरण करेंगे। प्राथमिकता से पुराने प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा।प्राप्त नामांतरण अविवादित होंने की स्थिति में एक माह की समयसीमा के भीतर निराकरण किया जाएगा। पूर्व से दर्ज बटवारा प्रकरण अविवादित बटवारा होंने पर तीन माह की समयसीमा में निराकरण किया जाएगा। इसका प्रमाणपत्र भी जारी किया जाएगा। तीस जून को समयसीमा के बाहर के लंबित नामांतरण प्रकरणों विवादित और अविवादित का निराकरण किया जाएगा। रिकाड में बहुत से ऐसे भूस्वामी दर्ज है जिनकी मृत्यु काफी पहले दर्ज हो चुकी है लेकिन उनके उत्तराधिकारियों के पक्ष में नामांतरण का प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है। इस अभियान के दौरान उत्तराधिकार नामांतरण के प्रकरणों को भी दर्ज कर निराकरण किया जाएगा।

तीस जून को समयसीमा के बाहर के लंबित बटवारा प्रकरणों को छह माह की अवधि के लंबित सभी प्रकार के अभिलेंखोें के शुद्धिकरण के प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। इसी अवधि के लंबित बटवारे के प्रकरणों का निराकरण भी किया जाएगा। भूमि की सीमा नक्शे में उपलब्ध होंने पर विवादों का निराकरण किया जाएगा। छह माह की अवधि के लंबित सभी अभिलेखों का दुरुस्तीकरण किया जाएगा।

खसे में बटांकन होंने पर नक्शेन में बटांकन नहीं होंने के प्रकरणों में नक्शा बटांकन मॉडयूल के माध्यम से भूलेख पोर्टल पर पटवारी औरतहसीलदार सुधार करेंगे।

खसरे नंबर का एक से अधिक बार होंने के प्रकरणों का निराकरण नक्शा संख्या अद्यतन माडयूल के जरिए किया जाएगा। शमिल खसरे को भिन्न करने, पीएम किसान योजना सेचुरेशन, स्वामित्व योजना में आबादी भूमि के सर्वेक्षण की कार्यवाही पूरी की जाएगी। फार्मर रजिस्ट्री की जाएगी। प्रत्येक किसान की फार्मर आईडी तैयार की जाएगी। समग्र वेब पोर्टल के माध्यम से आधार केवायसी की सुविधा निशुल्क दी जाएगी। खरीफ 24 में डिजिटल क्राप सर्वे किया जाएगा ।