साइना के पिता को नहीं मिली खेल गांव में एंट्री, दिग्गज खिलाड़ी ने ऐसे निकाला गुस्सा

गोल्ड कोस्ट (ऑस्ट्रेलिया): कॉमनवेल्थ गेम्स जैसे-जैसे करीब आ रहा है, वैसे-वैसे विवादों की झड़ी लगनी शुरू हो गई है। गोल्ड कोस्ट में मौजूद खेल गांव के भारतीय परिसर में सीरिंज मिलना, फिर दो बेहतर रैंकिंग वाले भारतीय जिमनास्टों का नाम खिलाड़ियों सूची से गायब होना और अब भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल से संबंधित एक नया विवाद खड़ा हो गया है। साइना के पिता को गोल्ड कोस्ट के कॉमनवेल्थ गेम्स खेल गांव में अंतिम समय पर एंट्री नहीं दी गई जिसको लेकर साइना बेहद गुस्से में हैं। उन्होंने ट्विटर पर जमकर अपना गुस्सा जाहिर भी कर दिया है।दरअसल, साइना के मुताबिक उनके पिता की टीम अधिकारी के रूप में पुष्टि हो चुकी थी जिसके खर्चे का उन्होंने खुद पूरा भुगतान भी किया था लेकिन खेल गांव पहुंचने पर पता चला कि उनका नाम इस सूची से काट दिया गया है। साइना ने इसको लेकर एक के बाद एक तीन ट्वीट किए जिसमें उन्होंने लिखा, ‘ये हैरान करने वाली बात है कि जब हम भारत से कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 के लिए निकले थे तो मेरे पिता का टीम अधिकारी के रूप में नाम मौजूद था जिसके लिए मैंने पूरा भुगतान भी किया था लेकिन जब हम खेल गांव पहुंचे तो उनका नाम टीम अधिकारियों की सूची से गायब था, अब वो मेरे साथ रह भी नहीं सकते। वो मेरे मैच नहीं देख सकते, खेल गांव में घुस तक नहीं सकते और मुझसे मिल भी नहीं सकते..ये कैसा समर्थन है @thecgf..मुझे उनका समर्थन चाहिए था क्योंकि मैं उन्हें हमेशा अपनी प्रतियोगिताओं में ले जाती हूं। मुझे नहीं समझ आ रहा है कि किसी ने मुझे इसके बारे में पहले क्यों नहीं बताया कि वो कहीं नहीं जा सकते।’

इसके बाद पूर्व दिग्गज भारतीय निशानेबाज व ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा ने साइना के ट्वीट के जवाब में एक ट्वीट किया जिसमें लिखा था कि, ‘मेरा मानना है कि ओलंपिक एथलीट कमिटी का सदस्य होने के नाते आपको एक्रिडिशन प्रोटकॉल की पूरी जानकारी होगी। आपको कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए शुभकामनाएं।’ साइना ने तुरंत बिंद्रा के इस ट्वीट को रिट्वीट कर दिया और फिर ज्यादातर फैंस बिंद्रा से ये जवाब मांगने लगे कि ऐसे नियम थे तो आखिर साइना को पहले क्यों नहीं बताया गया और उनसे खर्चे का भुगतान क्यों करवाया गया?

गौरतलब है कि कुछ हफ्ते पहले खेल मंत्रालय ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले एक अहम फैसला लिया था। 4 अप्रैल से शुरू होने जा रहे इन खेलों के दौरान अधिकारी और खिलाड़ियों के परिजन सरकारी खर्च पर तफरीह ना कर सकें इसलिए अधिकारियों के दल में कटौती की जाएगी। इसके विरोध में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा था कि, ‘मैं नहीं जानता कि खेल मंत्रालय सिंधू और साइना के माता पिता को उनके साथ राष्ट्रमंडल खेलों में जाने की अनुमति क्यों नहीं दे रहा है।’ उन्होंने भारतीय दल की रवानगी कार्यक्रम से इतर कहा था कि, ‘ये शटलर बड़े स्टार है और हमें उनका समर्थन करना चाहिए। सिंधू और साइना ने जो आग्रह किया है अगर विराट कोहली या सचिन तेंदुलकर ऐसा चाहते तो क्या मंत्रालय उनके लिये भी न कहता।’