कोलकाता में ‘चमत्कार’ के 17 साल बाद ऐसा बोले वीवीएस लक्ष्मण

14 मार्च क्रिकेट इतिहास का बेहद खास दिन है. 2001 में इसी दिन कोलकाता के ईडन गार्डन्स पर वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने ऐसी साझेदारी की, जिसने ऑस्ट्रेलिया का गुरूर तोड़ डाला. इसी के बाद लक्ष्मण को ‘वेरी वेरी स्पेशल’ और द्रविड़ को ‘द वॉल’ का खिताब मिला.
17 साल बाद उस अभूतपूर्व प्रदर्शन को लक्ष्मण ने याद किया है. उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट लिखा है और यादगार तस्वीरें शेयर की हैं-
जिंदगी में कुछ ऐसे दिन होते हैं, जो हमें खुद को बेहतर ढंग से जानने और अपनी क्षमताओं का आकलन करने का मौका देते हैं. 17 साल पहले ऐसा ही एक दिन गुजरा था. जिसने मेरी धारणा को और मजबूत कर दिया कि हमें हार नहीं माननी चाहिए और देश सेवा के अवसर को चूकना नहीं चाहिए. मैंने और द्रविड़ ही नहीं, बल्कि सचिन, भज्जी और पूरी टीम ने ऐसा किया.
क्या हुआ था ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 के कोलकाता टेस्ट में
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के दूसरे टेस्ट के चौथे दिन की सुबह भारत के लिए कुछ भी अनुकूल नहीं था. मुंबई में पहला टेस्ट हार चुकी भारतीय टीम कोलकाता के ईडन गार्डन्स में फॉलोऑन पारी खेल रही थी. तीसरे दिन के खेल की समाप्ति पर भारत का स्कोर 254/4 रन था और वह ऑस्ट्रेलिया से अब भी 20 रन पीछे था. भारत की हार सामने दिख रही थी, लेकिन लक्ष्मण 109 बना कर अब भी क्रीज पर जूझ रहे थे. राहुल द्रविड़ 155 गेंदों में 7 रन बनाकर उनका साथ दे रहे थे.
14 मार्च को लक्ष्मण का चमत्कार और द्रविड़ बन गए दीवार
लेकिन, चौथे दिन कुछ ऐसा हुआ, जिसके बारे में किसी ने सोचा तक नहीं था. पूरे दिन की बल्लेबाजी में भारत का एक भी विकेट नहीं गिरा और स्कोर 589/4 रन था. पांचवें विकेट के लिए लक्ष्मण और द्रविड़ 357 रन जोड़ चुके थे. पांचवें दिन कुल 376 रनों की भागीदारी के बाद लक्ष्मण अविश्वसनीय 281 रनों की पारी खेलकर लौटे, जबकि द्रविड़ 180 रन बनाकर रन आउट हुए. भारत ने अपनी फॉलोआन पारी 657/7 पर घोषित कर दी.
आखिरकार ऑस्ट्रेलिया के समक्ष जीत के लिए लिए 384 रनों का लक्ष्य रखने के बाद भारत ने इतिहाल रच दिया. हरभजन सिंह की गेंद को पैड पर लेते ही पुछल्ले ग्लेन मैक्ग्रा पकड़े गए और अंपायर एसके बंसल ने उंगली उठा दी. इसके साथ ही भारत ने यह टेस्ट मैच 171 रनों से जीत लिया. ऑस्ट्रेलियाई टीम 68.3 ओवरों में 212 रन बनाकर ढेर हो गई.