कहीं चांदी के चमचे तो, कहीं चमचों की चांदी..

कहीं चांदी के चमचे तो, कहीं चमचों की चांदी.. भी सुनते उसी की है, जिसकी जेब में है गांधी! पुराने समय में राजा के दरबार में चाटुकार और भाट होते थे, चाटुकार राजा के हर अच्छे बुरे काम में प्रशंसा करते थे!तारीफ करते थे और तारीफों के पुल में अपना जीवन यापन करते थे, यहां…

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